view all

देश के लिए आज भी इंदिरा गांधी सबसे स्वीकार्य प्रधानमंत्री: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा 20वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण हस्ती थी

Bhasha

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इंदिरा गांधी को लोकतांत्रिक देश का अब तक का सबसे स्वीकार्य प्रधानमंत्री बताया है. राष्ट्रपति ने कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में संगठन की मजबूती के लिए इंदिरा गांधी के निर्णायक तरीके को याद किया किया.

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा 20वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण हस्ती थी. और भारत के लोगों के लिए वो आज भी सबसे स्वीकार्य शासक हैं. मुखर्जी ने अतीत को याद करते हुए कहा कि 1977 में कांग्रेस हार गई थी और मैं उस समय मंत्री था. हार के बाद उन्होंने कहा था कि प्रणब  हार से हतोत्साहित मत हो, यह काम करने का वक्त है और उन्होंने काम करके भी दिखाया.


इंदिरा गांधी को दो जनवरी 1978 को पार्टी अध्यक्ष चुना गया. कुछ ही दिनों के अंदर 20 जनवरी तक उन्होंने कार्य समिति के गठन को पूरा कर लिया. संसदीय बोर्ड, पीसीसी और एआईसीसी का गठन कर उन्होंने पार्टी को महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, असम और नेफा विधानसभा चुनावों में सामना करने के लिए तैयार किया.

ये इंदिरा जी की मेहनत का नतीजा था कि 1978 में कांग्रेस में दूसरा विभाजन होने के कुछ महीने बाद ही पार्टी ने राज्य चुनावों में शानदार जीत दर्ज की.

राष्ट्रपति ने कहा कि राजनीति के अपने सबसे खराब वक्त में भी इंदिराजी अपने आप को ज्यादा कामों में लगाए रखतीं थीं. इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा देश हित में लिए गए अनेक कठोर निर्णयों को भी याद किया.

प्रणब मुखर्जी उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा जारी किए ‘इंडियाज इंदिरा - ए सेंटेनियल ट्रिब्यूट’ के विमोचन समारोह में शामिल हुए थे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा द्वारा संपादित इस किताब में इंदिरा गांधी के कामों और उनके जीवन की घटनाओं के बारे में बताया गया है. इस किताब की प्रस्तावना सोनिया गांधी ने लिखी है.

इस मौके पर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि वह देश, विदेश और विश्व में बदलाव और उथल पुथल के दौर में रहीं और नियति ने उन पर प्रधान नायक की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी दे दी.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री भर नहीं थी. बल्कि विकासशील देशों की स्वीकृत नेता भी थीं . वो वैश्विक शांति में विश्वास करतीं थीं और उनकी बात को पूरा विश्व बेहद आदर के साथ सुनता था.

इस समारोह में खराब सेहत के कारण सोनिया गांधी उपस्थित नहीं हो पाई. सोनिया गांधी की तरफ से  कांगेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उनका भाषण पढ़ा. सोनिया गांधी की तरफ से कहा गया कि उन्होंने इंदिरा गांधी में देशभक्ति का जो जज्बा देखा वह श्रेष्ठ था.

इंदिरा गांधी एक दोस्त और सलाहकार थीं और अपनी इच्छाओं को मेरे ऊपर कभी नहीं थोपा. इंदिरा गांधी पद, जाति और संप्रदाय जैसे भेदभाव को नापसंद करती थीं. उन्हें भारतीय होने पर गर्व था, साथ ही वह सहिष्णु विचारों वाली एक वैश्विक नागरिक भी थीं.

इस कार्यक्रम में कांग्रेस के कई पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों सहित वरिष्ठ नेता मौजूद थे. अतिथियों में गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, जनार्दन द्विवेदी, पी चिदंबरम, शीला दीक्षित सहित कई नेता मौजूद थे.