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फिलस्तीन में क्षमता निर्माण के लिए 5 करोड़ डॉलर निवेश करेगा भारत

इस समझौते में 3 करोड़ डॉलर से बेत सहौर में सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल का निर्माण भी शामिल है

Bhasha

भारत फिलस्तीन में क्षमता निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास में मदद समेत कई अन्य गतिविधियों में भारत 5 करोड़ डॉलर का निवेश करेगा. इसमें फलस्तीन में कूटनीति संस्थान की स्थापना और फलस्तीनी छात्रों को भारत में अध्ययन के लिये मिलने वाली छात्रवृति की संख्या दोगुना करना शामिल है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने एक बैठक में भारत-फलस्तीन संबंधों की पूरी श्रृंखला पर चर्चा की, जिसके बाद दोनों पक्षों ने करीब 5 करोड़ डॉलर के 6 समझौतों पर हस्ताक्षर किये. इसमें 3 करोड़ डॉलर से बेत सहौर में सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल का निर्माण भी शामिल है.


शिक्षा के क्षेत्र में 50 लाख डॉलर के तीन समझौते किये गये हैं. इसके अतिरिक्त नेशनल प्रिंटिंग प्रेस के लिए उपकरणों और मशीनरी की खरीद के लिए एक एमओयू और महिला सशक्तिकरण के लिए एक केंद्र की स्थापना के लिए भी एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये.

मीडिया को दिये बयान में मोदी ने कहा, ‘राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में भारत फलस्तीन का पुराना मित्र रहा है.’ उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा विकास, परियोजना सहायता और बजटीय समर्थन में हमारा सहयोग रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत पहले भी फिलिस्तीनी राजनयिकों को प्रशिक्षण देता रहा है, लेकिन अब रामल्लाह में एक कूटनीति संस्थान की स्थापना में नई दिल्ली सहयोग कर रहा है. मोदी ने उम्मीद जताई कि यह संस्थान युवा राजनयिकों के प्रशिक्षण के लिये विश्वस्तरीय केन्द्र के रूप में उभरेगा.

अब्बास के करीबी मजदी खल्दी ने भारतीय सहयोग के लिये आभार व्यक्त करते हुये कहा कि भारत फिलस्तीनियों को इस तरह के प्रयास के साथ लगातार समर्थन करता आया है. उन्होंने कहा कि भारत ने इन परियोजनाओं में करीब 4.5 से 5 करोड़ डॉलर तक निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है.

प्रधानमंत्री मोदी का अब्बास ने राष्ट्रपति परिसर में पूरी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. मोदी फलस्तीन की आधिकारिक यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.