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खुली बहस के नाम पर मनोज तिवारी और अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता को बरगला रहे हैं?

अरिवंद केजरीवाल ने ही राजनीतिक पार्टियों को बहस के लिए ललकारने का दांव शुरू किया था. केजरीवाल ने ही सबसे ज्यादा बहस की चुनौती दी लेकिन वो बात अलग है कि आज तक अरविंद केजरीवाल किसी बहस में शामिल नहीं हुए.

Ravishankar Singh

दिल्ली के राजनीतिक तापमान में पिछले कुछ दिनों से गर्माहट की आहट साफ नजर आ रही है. खासतौर पर सीलिंग के मुद्दे पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच की लड़ाई अब चरम पर पहुंच गई है. ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली में तमाम मुद्दों के बीच सीलिंग का मुद्दा राजनीतिक पार्टियों की गर्माहट का मुख्य कारण है. सीलिंग का मुद्दा अपने हाथ से खिसकते देख आम आदमी पार्टी के नेताओं के जहां रोज-रोज नए-नए बयान सामने आ रहे हैं तो वहीं बीजेपी के नेता भी अब पहले से ज्यादा आक्रामक हो गए हैं. बता दें कि सीलिंग के मुद्दे के सहारे ही दोनों पार्टियां अपनी चुनावी बैतरनी पार लगाने के जुगत में हैं.

दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने जब से गोकलपुरी में सीलिंग का ताला तोड़ा है तब से सीलिंग का मुद्दा दिल्ली में सबसे ज्यादा बिक रहा है. इस मुद्दे पर दिल्ली की दो सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियों के बीच बयानबाजी के बाद अब एक-दूसरे को बहस की भी चुनौती मिलने लगी है. हालांकि, हकीकत में कोई भी राजनीतिक पार्टियां बहस के लिए तैयार नजर नहीं आ रही हैं. यह सिर्फ लोगों का ध्यान खींचने के लिए ही किया जा रहा है.


बीते रविवार को ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को रामलीला मैदान में खुली बहस की चुनौती दी थी, जिसके जवाब में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा था कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की तरफ से अरविंद केजरीवाल से बहस की चुनौती स्वीकार करते हैं.

दरअसल बीते रविवार से ही दिल्ली की राजनीतिक गलियारे में अरविंद केजरीवाल और मनोज तिवारी के बीच महाबहस की बात सामने आ रही है. दिल्ली बीजेपी ने बीते 23 सितंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में पूर्वांचल महाकुंभ नाम की एक रैली आयोजित की थी. इस रैली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी शिरकत की थी. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस रैली में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमला बोला था.

मनोज तिवारी ने किया था ऐलान...

अमित शाह ने कहा था कि इस बार भी दिल्ली की सातों की सात सीट बीजेपी के ही खाते में जा रही है. अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर हिम्मत है तो अरविंद केजरीवाल और राहुल बाबा विकास के नाम पर खुली बहस कर लें.

इस रैली में ही मंच से ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ऐलान किया था, ‘मैं बोलता हूं इधर-उधर की बात मत बोलो. स्थान निश्चित करो, समय निश्चित करो, अरविंद केजरीवाल से मुझे एक लेटर लिखवाओ, मैं वहां मौजूद रहूंगा और उनके 40 सवालों का जवाब दूंगा.’

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दिलचस्प बात यह है कि अमित शाह के इस चुनौती के बाद 23 सितंबर को अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा था, ‘अमित शाह जी जितने काम मोदी जी ने चार साल में किए हैं उससे 10 गुना काम हमने दिल्ली में किए हैं. मोदी जी जितने जनविरोधी और गलत काम किए हैं, हमने एक भी ऐसा काम नहीं किया है. आइए इसी रामलीला मैदान में एक खुली बहस हो जाए.’

बीते कुछ दिनों से मनोज तिवारी की खुली बहस की चुनौती के बाद आम आदमी पार्टी ट्रेड विंग दिल्ली के कई इलाकों में जगह-जगह पोस्टर लगवा कर दावा किया था. 26 सितंबर को दिल्ली के चांदनी चौक के टाउन हॉल में मनोज तिवारी और आप ट्रेड विंग के बृजेश गोयल के बीच खुली बहस होगी.

दूसरी तरफ आप ट्रेड विंग के द्वारा दिल्ली में जगह-जगह पोस्टर लगाकर बहस की चुनौती पर दिल्ली बीजेपी का कहना  है कि आप नेताओं ने मनोज तिवारी की बात को ठीक से सुना नहीं. मनोज तिवारी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को बहस के लिए चुनौती दी थी न कि आप के ट्रेड विंग को. मनोज तिवारी यह कहना चाह रहे थे कि अरविंद केजरीवाल अगर बहस में आने के लिए लिखित में आश्वासन दें तो तिवारी भी उस जगह पर पहुंच कर अरविंद केजरीवाल के हर सवाल का जवाब देंगे, लेकिन आप ट्रेड विंग के नेता समझ लिए कि तिवारी उनके साथ बहस करेंगे.’

बता दें कि पिछले दो-तीन दिनों से इस बहस को लेकर कई बातें निकल कर सामने आ रही थीं. सबसे पहले आम आदमी पार्टी की तरफ से यह बात सामने आई कि अरिवंद केजरीवाल ने मनोज तिवारी की चुनौती को स्वीकार तो कर लिया है लेकिन बहस में खुद भाग न लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री और प्रदेश दिल्ली आप के संयोजक गोपाल राय को भाग लेने के लिए कहा है.

मंगलवार को आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और ग्रेटर कैलाश के विधायक सोरभ भारद्वाज ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, ‘हमलोग मनोज तिवारी की चुनौती को स्वीकार करेंगे और हमारी तरफ से प्रदेश संयोजक गोपाल राय बहस करेंगे. मनोज तिवारी जी भी अपने पार्टी के अध्यक्ष हैं और हमारे तरफ से हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय भाग लेंगे. दिल्ली की मुद्दों पर चर्चा होगी इससे अच्छी बात क्या होगी.’

यानी आम आदमी पार्टी की तरफ से साफ कर दिया गया था कि इस बहस में गोपाल राय शिरकत करेंगे, लेकिन बुधवार को पार्टी की तरफ से ट्रेड विंग के बृजेश गोयल का नाम सामने आ गया.

देश की राजनीति में राजनेताओं के बीच बहस की बात सामने आने लगी है

आम आदमी पार्टी के एक नेता फर्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहते हैं, ‘राजनीति के कई चालों में से यह भी एक चाल ही है. मैं आपको बता दूं कि दोनों ही पार्टियां बहस नहीं करना चाहती हैं. अरविंद केजरीवाल कच्चे खिलाड़ी नहीं हैं. वह बहस करेंगे ही तो अमित शाह से करेंगे, मोदी जी से करेंगे, राहुल गांधी से करेंगे. मनोज तिवारी से क्यों करेंगे?’

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दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि सीलिंग के मुद्दे पर पार्टी ने हाल में जो स्टैंड लिया है उससे आम आदमी पार्टी घबरा गई है. आम आदमी पार्टी के नेता षड़यंत्र रचकर बीजेपी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल बहस से बच रहे हैं इसलिए पार्टी के दूसरे नेताओं का नाम आगे कर रहे हैं.

जबकि, बीते मंगलवार को ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक पत्र लिख कर आप ट्रेड विंग के संयोजक बृजेश गोयल को पार्टी की तरफ से इस बहस के लिए अधिकृत कर दिया था. बृजेश गोयल ने अरविंद केजरीवाल का लेटर ट्वीटर पर शेयर करते हुए कहा था कि आपने कहा था कि अरविंद केजरीवाल का लेटर लेकर आइए, बहस करेंगे.

कुलमिलाकर पिछले कुछ सालों से देश की राजनीति में राजनेताओं के बीच बहस की बात सामने आने लगी है. हालांकि, अभी तक एक भी बहस हुई नहीं है. दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरिवंद केजरीवाल ने ही राजनीतिक पार्टियों को बहस के लिए ललकारने का दांव शुरू किया था. अरविंद केजरीवाल ने ही सबसे ज्यादा बहस की चुनौती दी लेकिन वो बात अलग है कि आजतक अरविंद केजरीवाल किसी बहस में शामिल नहीं हुए.