मंगलवार का दिन देश और गुजरात की राजनीति के लिए काफी अहम और गहमा-गहमी से भरा रहा. गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में राजनीति अपने चरम पर रही. देश ने वो सबकुछ देखा जो आम तौर पर राज्यसभा चुनाव में नहीं होता. वैसे तो विधायकों के संख्या बल के आधार पर राज्यसभा के चुनाव में जीतना-हारना पहले से तय रहता है, कह सकते हैं कि चुनाव औपचारिकता भरा होता है, लेकिन गुजरात के राज्यसभा चुनाव में इसके बिल्कुल उलट हुआ.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को राज्यसभा पहुंचने से रोकने की बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा लगाई एड़ी-चोटी का जोर अंत में नाकाम साबित हुआ. आधी रात के बाद नतीजे घोषित हुए तो अहमद पटेल चुनाव जीतकर पांचवीं बार राज्यसभा जाने में कामयाब रहे.
देखा जाए तो अमित शाह और अहमद पटेल में सियासी तौर पर कई समानताएं हैं. पहला तो ये कि दोनों ही गुजरात से ताल्लुक रखते हैं. दोनों नेता अपनी-अपनी पार्टी के 'चाणक्य' हैं. अमित शाह की पहचान बीजेपी के रणनीतिकार और प्लानर के तौर पर है. तो यही काम अहमद पटेल कांग्रेस के लिए करते हैं.
राज्यसभा चुनाव को लड़ाई के मैदान में तब्दील कर दिया
राजनीति के दोनों धुरंधरों के बीच की होड़ ने राज्यसभा चुनाव को लड़ाई के मैदान में तब्दील कर दिया. नतीजे घोषित हुए तो दोनों गुजरात से राज्यसभा पहुंच गए हैं. अमित शाह पहली बार राज्यसभा पहुंचे हैं तो अहमद पटेल लगातार पांचवीं बार. लेकिन इस चुनाव के चलते मंगलवार को रात भर पॉलिटिकल ड्रामा चलता रहा.
मंगलवार सुबह मतदान शुरु होने के एक घंटे के भीतर कांग्रेस के पूर्व नेता शंकर सिंह वाघेला ने अहमद पटेल की हार की भविष्यवाणी कर दी. वाघेला ने कहा कि अहमद पटेल को 40 वोट भी नहीं मिलेंगे. उन्होंने कैमरे पर यह भी कहा कि 'मैंने अपना वोट अहमद पटेल को नहीं दिया है.'
अहमद पटेल को कांग्रेस के 51 विधायकों में से 44 का समर्थन था. इन 44 में से अहमद पटेल को 43 विधायकों के वोट मिले. अहमद पटेल को कुल 44 वोट मिले. वो 'जिताऊ' एक वोट उन्हें किसने दिया इसका पता नहीं चल सका है. माना जा रहा है कि गुजरात में जेडीयू के इकलौते विधायक छोटूभाई वसावा और एनसीपी के दो विधायकों में से किसी ने अहमद पटेल के लिए वोट किया है.
राज्यसभा चुनाव से कुछ दिन पहले कांग्रेस के 6 विधायकों ने शंकर सिंह वाघेला के साथ बागी तेवर अपना लिया. इनमें से तीन विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. कांग्रेस के एक विधायक बलवंत सिंह राजपूत जो कि शंकर सिंह वाघेला के समधी हैं वो इस चुनाव में अहमद पटेल के विरूद्ध खड़े थे.
अहमद पटेल को रोकने के लिए मैदान में उतारा तीसरा उम्मीदवार
गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में सत्ताधारी बीजेपी के 121 विधायक हैं. विपक्ष के 55 एमएलए में कांग्रेस की संख्या 51 है. एमएलए पावर के लिहाज से बीजेपी को अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत को लेकर कोई शंका नहीं थी. लेकिन बीजेपी ने अहमद पटेल को राज्यसभा पहुंचने से रोकने के लिए मैदान में तीसरे उम्मीदवार को उतारकर चुनावी गणित को गड़बड़ाने की कोशिश की.
मतदान के बाद जब बारी वोटों की गिनती की आई तो लड़ाई गांधीनगर से दिल्ली शिफ्ट हो गई. कांग्रेस ने चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचकर अपने दो बागी विधायकों के वोट रद्द करने की मांग की. कांग्रेस की आपत्ति को काउंटर करने के लिए कई केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी चुनाव आयोग पहुंच गए और उन्होंने कांग्रेस की मांग का विरोध किया.
चुनाव आयोग के दफ्तर में घंटों तक कांग्रेस और बीजेपी का 'द ग्रेट पॉलिटिकल ड्रामा' चलता रहा. दोनों ही पक्ष दो बार चुनाव आयोग पहुंचे. आधी रात के बाद चुनाव आयोग ने इसपर अपना फैसला सुनाया. आयोग ने कांग्रेस के दो बागी विधायकों के वोट रद्द करने की मांग को मान लिया.
चुनाव आयोग के दोनों विधायकों के वोट रद्द घोषित कर देने के बाद तीसरी सीट को जीतने के लिए दोनों उम्मीदवारों को 45 के बदले अब केवल 44 वोटों की जरूरत रह गई थी. चुनाव आयोग ने कांग्रेस के दो विधायकों के वोटों को रद्द करने का निर्णय इसलिए दिया क्योंकि दोनों विधायकों राघवजी पटेल और भोला गोहिल ने वोटिंग के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को अपना बैलेट दिखाया था.
जीत में चुनाव आयोग के सुनाए फैसले का अहम रोल रहा
वोटिंग के लगभग 9 घंटे बाद रात दो बजे जब नतीजों की घोषणा हुई तो अहमद पटेल को 44 वोट हासिल हुए और बलवंत सिंह राजपूत को 38. इस तरह अहमद पटेल तमाम बाधाओं को पार कर पांचवीं बार राज्यसभा चुनाव जीत पाने में कामयाब रहे. अहमद पटेल की इस जीत में चुनाव आयोग के दिए गए फैसले का अहम रोल रहा.
मुश्किलों भरी इस जीत के बाद अमहद पटेल ने ट्वीट किया, 'सत्यमेव जयते, यह केवल मेरी जीत नहीं है बल्कि शर्मनाक तरीके से पैसे, बाहुबल और सरकारी मशनरियों के दुरुपयोग की हार भी है. बीजेपी की साजिश की पोल खुल गई है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नतीजों में अमित शाह और स्मृति ईरानी को राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए बधाई दी है.