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ममता'मयी महारैली के जवाब में 'शाहाना' हुआ मालदा: बंगाल में कमल खिलेगा या जोरा घास फूल?

Amitesh

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पश्चिम बंगाल के मालदा में थे. बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरुआत करने पहुंचे पार्टी अध्यक्ष ने अपने भाषण की शुरुआत से ही साफ कर दिया कि उनके दो दिन के दौरे का एजेंडा और उनकी मंशा क्या है ? अमित शाह ने मंच पर बैठे हुए पार्टी नेताओं के नाम लेकर संबोधन से पहले ही ममता बनर्जी पर वार कर दिया.

‘भारत माता की जय’ के नारे से अपने भाषण की शुरुआत कर बीजेपी अध्यक्ष ने रैली में पहुंचे माल्दा और आस-पास के लोगों से दोनों हाथ उपर उठाकर भारत माता की जय के नारे लगवाए. शाह ने माल्दा के लोगों से ममता दीदी की सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया.


अमित शाह का ममता पर वार पर वार

इसके बाद ममता सरकार और तृणमूल पार्टी पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाकर बीजेपी अध्यक्ष ने प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कठघरे में खड़ा कर दिया. शाह ने रैली में मौजूद लोगों से सवाल करने के अंदाज में कहा कि उन्हें कैसी सरकार चाहिए ? क्या उन्हें लोकतंत्र की हत्या करने वाली सरकार चाहिए ? क्या उन्हें रथयात्रा निकालने की इजाजत नहीं देने वाली सरकार चाहिए ? क्या उन्हें हत्या कराने वाली टीएमसी सरकार चाहिए या फिर उन्हें घुसपैठ कराने वाली सरकार चाहिए?

अमित शाह की मालदा रैली की एक तस्वीर ( पीटीआई )

इसके अलावा उन्होंने अपने अंदाज में कई और सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि क्या शरणार्थियों को नागरिक नहीं बनाने वाली सरकार चाहिए? क्या दुर्गापूजा और सरस्वती पूजा नहीं करने देने वाली सरकार रहेगी या जाएगी? क्या गो-तस्करी करनने वाली सरकार चाहिए या फिर उन्हें अफीम का व्यापार कराने वाली सरकार चाहिए?

ममता सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप

इन सवालों में ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी सारी बातें कह दीं जिनको मुद्दा बनाकर वो ममता बनर्जी को घेर रहे हैं. राज्य की टीएमसी सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाने वाले बीजेपी अध्यक्ष ने उनकी रथयात्रा की इजाजत नहीं दिए जाने को लेकर सवाल उठाया. बीजेपी विरोधियों की राह में रोड़े अटकाकर इसे लोकतंत्र की हत्या की कोशिश बता रही है.

अमित शाह ने कहा, ‘मेरे हेलिकॉप्टर उतारने की भी इजाजत नहीं. रैली करने की भी इजाजत नहीं. लेकिन ये दिन बहुत नहीं है. जुर्म तो राजा रावण का भी नहीं टिका है. आप परमिशन नहीं दोगे तो हेलिकॉप्टर से भाषण देंगे लेकिन आपके खिलाफ लड़ेंगे. रथ नहीं निकालने दोगे तो रैली करेंगे. लेकिन आपके खिलाफ लड़ेंगे.’ अमित शाह ने कहा, ‘आपको हटाकर रहेंगे ममता दीदी, बंगाल की जनता तय कर के बैठी है कि देश का अगला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है.’

इसके अलावा बांग्लादेश से होने वाले अवैध घुसपैठ का मुद्दा एक बार फिर से बीजेपी के एजेंडे में है. बीजेपी बार-बार इन अवैध घुसपैठियों को देश से बाहर करने और उनकी पहचान करने की बात कहती रही है. बीजेपी का आरोप है कि ममता की सरकार इन अवैध घुसपैठियों को संरक्षण देकर इन्हें वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश करती है.

लेकिन, अमित शाह ने इन घुसपैठियों पर प्रहार करने के साथ-साथ पड़ोसी देशों से आए हिंदू, सिख और बौद्ध जैसे अल्पसंख्यक तबके के शरणार्थियों को नागरिकता देने का भरोसा दिया है. इसके लिए सिटिजन एमेंडमेंट बिल का जिक्र कर शाह ने पार्टी की रणनीति साफ कर दी है.

बीजेपी की ध्रुवीकरण की कोशिश!

पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार पर अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज के वोट बैंक की रणनीति के तहत बहुसंख्यक हिंदू समुदाय को प्रताड़ित करने का आरोप भी बीजेपी पहले से लगाती रही है. दुर्गा पूजा के दौरान प्रतिमा विसर्जन के मुद्दे पर हुए विवाद के मुद्दे को उठाकर अमित शाह ने ममता की ‘वोट बैंक पॉलिटिक्स’ के जवाब में अपनी रणनीति बनाई है.

मालदा की अपनी रैली में भी अमित शाह ने इस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि दुर्गा-पूजा के दौरान प्रतिमा विसर्जन करने की इजाजत नहीं होगी, तो क्या हम पाकिस्तान जाकर करेंगे क्या? सरस्वती पूजा के लिए परमिशन लेंगे क्या?

शाह ने गो-तस्करी के मुद्दे का भी जिक्र करते हुए दावा किया कि राज्य में अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो फिर वो हर हाल में गो-तस्करी पर लगाम लगा देंगे. बीजेपी की तरफ से बंगाल की संस्कृति को खत्म करने का आरोप लगाकर बीजेपी ने टीएमसी और ममता बनर्जी पर मुस्लिम परस्त होने का आरोप पहले भी लगाया है.

एक बार फिर अमित शाह ने भी कुछ ऐसा ही किया. शाह ने दावा किया कि यह चुनाव बंगाल को टीएमसी सरकार को हटाने और लोकतंत्र स्थापित करने का चुनाव है. यह चुनाव फिर से विवेकानंद, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, रामकृष्ण परमहंस, सुभाष बाबू, बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय, बटुकेश्वर दत्त, सूर्य सेन के बंगाल को बनाने का चुनाव है.

अमित शाह की बातों से साफ लग रहा था कि बीजेपी राज्य में ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण का आरोप लगाकर जवाब में अपनी रणनीति तैयार कर रही है. बंगाल की सांस्कृतिक विरासत से लेकर, दूसरे देशों से आए हिंदू शरणार्थी, गो-तस्करी और दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा तक का जिक्र कर बीजेपी की तरफ से ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है. पार्टी को लगता है कि ममता बनर्जी पर लग रहे अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की कोशिश का आरोप राज्य में ध्रुवीकरण की राजनीति को बढ़ावा देगा जिसका सीधा फायदा उसे ही होगा.

कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने की कोशिश

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों में बीजेपी को सफलता मिली थी जिसके बाद पार्टी कांग्रेस और लेफ्ट को पीछे छोड़कर नंबर दो की हैसियत में खडी हो गई है. बीजेपी ही इस वक्त टीएमसी को टक्कर देने की स्थिति में है. लेकिन, पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा और उसके बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में बने डर के माहौल को खत्म करने की भी कोशिश में बीजेपी अध्यक्ष दिखे. अमित शाह ने लोगों को भरोसा दिलाने की कोशिश भी की कि लोकसभा चुनाव के दौरान पैरामिलिट्री फोर्स से लेकर पूरी तैयारी भारत के निर्वाचन आयोग की होगी, लिहाजा किसी भी तरह से उन्हें डरने की जरूरत नहीं है.

ममता की मेगा रैली के बाद अब बीजेपी का मिशन बंगाल

अमित शाह की पश्चिम बंगाल की यात्रा के दूसरे दिन बुधवार 23 जनवरी को झारग्राम और बीरभूम जिले के सुरी में दो रैलियां होने वाली हैं. पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता इन रैलियों की तैयारी पूरी जी-जान से कर रहे हैं. उन्हें पता है कि ममता बनर्जी की 19 जनवरी को कोलकाता में हुई मेगा रैली के बाद बीजेपी की तरफ से अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच बेहतर संदेश देने की जरुरत है. इसीलिए पहले 20 जनवरी से ही अमित शाह का कार्यक्रम तय किया गया था लेकिन, स्वाइन फ्लु से पीडित होने के चलते पार्टी अध्यक्ष का कार्यक्रम नहीं हो सका था.

अब अमित शाह पूरी तैयारी के साथ पश्चिम बंगाल से हुंकार भर रहे हैं, क्योंकि उन्हें भी पता है कि विपक्ष के महागठबंधन के जवाब में बीजेपी को पश्चिम बंगाल और ओडीशा जैसे राज्यों से पिछली बार की तुलना में ज्यादा सीटों की जरुरत होगी.