view all

सीट शेयरिंग को लेकर बढ़ सकती हैं बीजेपी की मुश्किलें

इन सबके बीच सबकी निगाह बिहार में एनडीए गठबंधन पर टिकी हैं, क्योंकि सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी और इसके मौजूदा सांसदों के बीच एकराय नहीं बन पा रही है

FP Staff

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) समेत सभी पार्टियों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए एक के बाद एक विभिन्न राज्यों का दौरा कर रहे हैं. पार्टी कैडर को मजबूत करने के लिए बीजेपी अध्यक्ष रणनीति बनाने में लगे हैं. इन सबके बीच सबकी निगाह बिहार में एनडीए  गठबंधन पर टिकी हैं, क्योंकि सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी और इसके मौजूदा सांसदों के बीच एकराय नहीं बन पा रही है.

दरअसल, नीतीश कुमार बिहार में अपने आप को 'बड़े भाई' के तौर पर आंक रहे हैं, जबकि बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहती है. ऊपर से सीट बंटवारे को लेकर अलग विवाद है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार की 40 सीटों के बंटवारे में बीजेपी अगर राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी यानी उपेंद्र कुशवाहा को साथ लेकर चलती है तो बीजेपी खुद 16, जेडीयू 16, रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी को 6 और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को 2 सीट मिल सकती है.


बीजेपी के जीते हुए सांसद पार्टी से विद्रोह कर किसी अन्य राजनीतिक दल का दामन थाम सकते हैं, जो एनडीए की राह में रोड़ा के तौर पर सामने आएंगे. हालांकि अभी चुनाव में वक्त है, इसलिए सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सितंबर के पहले हफ्ते तक तय होना है, जिससे बिहार के राजनीतिक परिदृश्य और भविष्य दोनों की दशा और दिशा तय होगी.

(न्यूज 18 के लिए चंद्रमोहन की रिपोर्ट)