view all

'गांधी' सरनेम की वजह से बना 29 साल में सांसद: वरुण

वरुण ने कहा कि मैं ऐसा भारत देखना चाहता हूं जहां इससे फर्क न पड़ता हो कि मैं वरुण गांधी, वरुण दत्त या वरुण खान हूं, वहां सभी को बराबर मौका मिले

FP Staff

नेहरू-गांधी परिवार से आने वाले बीजेपी सांसद ने कहा है कि उन्हें ‘गांधी’ सरनेम का बहुत फायदा मिला है. वैसे बीजेपी के बड़े-बड़े नेता कांग्रेस के वंशवाद खासकर नेहरू-गांधी के उपर निशाना साधती रहते हैं. हालांकि बीजेपी ने खुद अपनी पार्टी में गांधी परिवार के दो महत्वपूर्ण सदस्यों मेनका गांधी और वरुण गांधी को जगह दे रखी है. मेनका गांधी केंद्र में मंत्री हैं और वरुण गांधी सांसद हैं.

वैसे मेनका और वरुण गांधी अक्सर अपने परिवार पर कुछ भी कहने से बचते हैं. लेकिन बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने कहा कि अगर उनके नाम में 'गांधी' सरनेम नहीं होता तो शायद वह महज 29 वर्ष की उम्र में सांसद नहीं बन पाते. उन्होंने कहा कि मैं ऐसा भारत चाहता हूं जहां सरनेम का महत्व न हो बल्कि सभी को बराबर मौका मिले.


सबको मिले बराबर का मौका

यूपी के सुलतानपुर से बीजेपी सांसद वरुण ने 'गांधी' सरनेम का जिक्र करते हुए एक कार्यक्रम में कहा, 'मैं फिरोज वरुण गांधी हूं. अगर मेरा सरनेम गांधी नहीं होता तो क्या मैं 29 वर्ष की उम्र में सांसद बन पाता? मैं ऐसा भारत देखना चाहता हूं जहां इससे फर्क न पड़ता हो कि मैं वरुण गांधी, वरुण दत्त या वरुण खान हूं. वहां सभी को बराबर मौका मिले.'

वैसे वरुण गांधी पहले भी अपने 'गांधी' सरनेम को लेकर बयान दे चुके हैं. यूपी में 2012 के स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान भी वरुण गांधी ने कहा था कि मैं अगर आज सांसद हूं तो इसलिए कि गांधी परिवार से आता हूं. अगर दूसरे परिवार से आता तो शायद मैं भी दूसरे युवाओं की तरह पोस्टर पर चिपका रहता.

अभी हाल में वरुण गांधी के चचेरे भाई और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका में एक कार्यक्रम में कहा था कि पूरा देश ही ऐसा चल रहा है. उन्होंने इस कड़ी में एसपी प्रमुख अखिलेश यादव, डीएमके नेता स्टालिन से लेकर ऐक्टर अभिषेक बच्चन तक के नाम गिनाए थे.

वरुण और राहुल सीधे-सीधे एक-दूसरे के खिलाफ बयान तो नहीं देते हैं लेकिन वरुण के गांधी सरनेम को लेकर दिए बयानों को राहुल पर छिपे तौर से किए गए वार के रूप में देखा जाता है.