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मैंने अपनी मर्जी से रेल बजट छोड़ा, वित्त मंत्रालय ने कब्जा नहीं किया: सुरेश प्रभु

सुरेश प्रभु ने कहा कि रेलवे के लिए कोष का केवल एक ही स्रोत था और वह था बजट

Bhasha

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि, उन्होंने अपनी मर्जी से रेलवे बजट को छोड़ा है. वित्त मंत्रालय ने खुद इसे अपने कब्जे में नहीं लिया.


रेलवे के लिए अलग से बजट पेश करने की एक सदी पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए केंद्र सरकार ने इस बार के वित्तीय वर्ष से इसे आम बजट में मिला दिया. वित्त मंत्री अरूण जेटली ने एक फरवरी को आम बजट पेश किया था.

सुरेश प्रभु ने सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को और अच्छा बनाने के नजरिए के बारे में बातचीत की.

बजट रेलवे कोष के लिए एकमात्र स्रोत था

प्रभु ने कहा कि, रेलवे के लिए कोष का केवल एक ही स्रोत था और वह था बजट. उन्होंने कहा, ‘अरूण जेटली हमेशा कहेंगे कि मेरी कई प्राथमिकताएं हैं और यह सही भी है. अगर मैं वित्त मंत्री होता, मैं भी यही कहता.’

रेल बजट को आम बजट में मिलाए जाने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने कहा, ‘मैंने अपनी इच्छा से इसे छोड़ा है. वित्त मंत्रालय ने कोई कब्जा नहीं किया. स्वेच्छा से इसे आम बजट में मिलाया गया है.’

1924 से संसद में रेलवे के लिए अलग से बजट पेश किया जा रहा था. हालांकि अलग से बजट पेश करने के लिए न तो कोई संवैधानिक और न ही कोई कानूनी जरूरत है. केंद्र सरकार ने इस साल से बरसों पुरानी चली आ रही इस व्यवस्था को खत्म कर दिया है.