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खफा शिवपाल ने मोर्चा बनाया तो अखिलेश बोले- मैं भी नाराज हूं, कहां जाऊं?

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव द्वारा समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मैं भी नाराज हूं, मैं कहां चला जाऊं.

Bhasha

समाजवादी पार्टी (सपा) में हाशिए पर चल रहे वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने आखिरकार अपनी राहें अलग करने के संकेत देते हुए ‘समाजवादी सेक्युलर मोर्चा‘ के गठन का औपचारिक एलान कर दिया. वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मैं भी नाराज हूं, मैं कहां चला जाऊं.' शिवपाल ने संवाददाताओं से कहा, 'मैंने 'समाजवादी सेक्युलर मोर्चा' का गठन किया है. मैंने दो साल तक इंतजार किया. मैं समाजवादी पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रहा हूं. मुझे न तो पार्टी के कार्यक्रमों की कोई सूचना दी जाती है और ना ही कोई जिम्मेदारी मिलती है.'

शिवपाल ने कहा- गांव-गांव जाकर मोर्चे को करेंगे मजबूत


उन्होंने कहा, 'मैं सपा में सबसे मिलकर रहना चाहता हूं, इसीलिए मैंने इतना इंतजार किया. अब हम गांव-गांव, जिले-जिले जाकर मोर्चे को मजबूत करने के लिए काम करेंगे.' शिवपाल ने कहा, 'सपा में अनेक ऐसे कार्यकर्ता हैं, जो उपेक्षित हैं. उन्हें जिम्मेदारी दी जाएगी और उनसे कहा जाएगा कि वे मोर्चे को मजबूती दें. मैं पिछड़े वर्ग के लोगों और छोटी पार्टिंयों को भी मोर्चे से जोड़ने की कोशिश करूंगा.' इस सवाल पर कि क्या उनका मोर्चा आगामी लोकसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारेगा, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

मोर्चे के गठन पर क्या बोले अखिलेश

इस बीच, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव द्वारा समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मैं भी नाराज हूं, मैं कहां चला जाऊं.' अखिलेश ने संवाददाताओं से बातचीत में शिवपाल के मोर्चा गठित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कोई साफ जवाब न देते हुए कहा, ‘‘मैं भी नाराज हूं, मैं कहां चला जाऊं. जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आएंगे, आप और भी चीजें होती हुई देखेंगे.' इस सवाल पर कि क्या शिवपाल के मोर्चा गठित करने के पीछे बीजेपी की साजिश है, सपा अध्यक्ष ने कहा, 'इसके पीछे बीजेपी है, ऐसा मैं नहीं कहता, पर आज और कल की बात को देख लें तो शक तो जाएगा ही. सपा आगे बढ़ेगी, चाहे जो भी हो.'

बीजेपी ने ली चुटकी

वहीं बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने इस घटनाक्रम पर चुटकी लेते हुए कहा कि जब कोई पार्टी एक ही परिवार तक सीमित होती है तो उसका यही हाल होता है. देश की ऐसी जितनी भी पार्टियां हैं सबका यही अंजाम हुआ है. शिवपाल ने मोर्चे के गठन का एलान सपा से निष्कासित राज्यसभा सदस्य अमर सिंह के उस बयान के एक दिन बाद किया है, जिसमें उन्होंने शिवपाल और बीजेपी के शीर्ष नेताओं के बीच बैठक तय कराने के बावजूद ऐन वक्त पर शिवपाल के नहीं पहुंचने का दावा किया था.

बीजेपी से अपने संबंधों के बारे में क्या बोले शिवपाल

बीजेपी से अपने सम्बन्धों के बारे में शिवपाल ने कहा कि उनके बीजेपी या किसी अन्य दल में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं, मगर इनमें कोई सचाई नहीं है. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को शिवपाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी. लेकिन दोनों ने ही इसे व्यक्तिगत बताया था.

कब आनी शुरू हुई शिवपाल-अखिलेश में खटास

गौरतलब है कि सितंबर 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उस वक्त सपा मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उनकी जगह शिवपाल को अध्यक्ष बना दिया था. उसके बाद से ही अखिलेश और शिवपाल के बीच तल्खी पैदा हो गई थी. अखिलेश ने अपने मंत्रिमण्डल से शिवपाल समर्थक कई मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था. उसके बाद एक जनवरी 2017 को सपा के अध्यक्ष पद पर अखिलेश की ताजपोशी के दिन ही शिवपाल को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. उसके बाद से शिवपाल पार्टी में हाशिए पर आ गए थे.