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शामली में मॉब लिंचिंग केस: मानवाधिकार आयोग ने भेजा योगी सरकार को नोटिस

शामली में 26 नवंबर को राजेंद्र उर्फ मनु को पुलिस वैन से बाहर निकाला गया और पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी गई

FP Staff

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के शामली जिले में एक शख्स की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है. शामली में भीड़ द्वारा एक व्यक्ति की पुलिस की गाड़ी से खींचकर कथित रूप से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी.

आयोग ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया गया है.


आयोग ने मीडिया की खबरों और पर स्वत: संज्ञान लिया, जिनमें बताया गया था कि 28 साल के राजेंद्र उर्फ मनु को पुलिस वैन से बाहर निकाला गया और पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी गई. घटना 26 नवंबर की है.

आयोग ने कहा कि खबरें अगर सही हैं तो यह मानवाधिकार के उल्लंघन का मामला है. विज्ञप्ति में कहा गया कि पुलिस का कर्तव्य था कि उसकी हिरासत में लिया गया व्यक्ति सुरक्षित हो.

आयोग ने कहा कि ऐसा लगता है कि उपद्रवी तत्वों के चंगुल से व्यक्ति को नहीं छुड़ाए जाने के कारण ही उसकी मौत हो गई.

बता दें कि मॉब लिंचिंग की ये घटना 26 नवंबर को शामली के हथछोया गांव में हुई थी. एनएचआरसी ने बताया कि इस घटना की सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही थी. इस वीडियो में देखा जा सकता था कि राजेंद्र पुलिस की गाड़ी में बैठा था. तभी नीली शर्ट पहने हुए एक शख्स गाड़ी का दरवाजा खोलकर उसे लगातार थप्पड़ मारने लगा. साथ में बैठे पुलिसवाले ने पीड़ित को बस बाजू से पकड़े रखा. इसके बाद उस शख्स ने राजेंद्र को गाड़ी से बाहर खींच लिया. इसके बाद वहां मौजूद भीड़ ने उसे पीट-पीटकर मार डाला.

पीड़ित के परिवार ने इसके लिए गांव के ही छह लोगों पर आरोप लगाया है. परिवार ने बताया कि घटना के एक दिन पहले ही राजेंद्र की इन छह लोगों से लड़ाई हुई थी और उन्हीं लोगों ने उसकी लाठियों से पीटकर हत्या कर दी.

हालांकि, शामली के एसपी ने इस घटना पर कहा था कि राजेंद्र की पुलिस कस्टडी में मौत नहीं हुई थी. वो पुलिस वैन से भाग गया था, जिसके बाद भीड़ ने उसकी हत्या की.