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कैदी नंबर 9235 शशिकला की जेल में ऐसे गुजरी पहली रात

शशिकला को जेल में मोमबत्तियां बनाने का काम दिया गया है.

FP Staff

अन्नाद्रमुक की महासचिव शशिकला ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने का सपना देखा, लेकिन वक्त का फेर देखिए उन्हें सीएम की कुर्सी की जगह जेल की कोठरी नसीब हुई.

आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शशिकला सजा भुगतने के लिए बुधवार को बेंगलुरू जेल पहुंची. चेन्नई से कारों के एक काफिले के साथ बेंगलुरु के केंद्रीय कारागार पहुंचने के तुरंत बाद 59 साल की शशिकला को महिला सेल में बंद कर दिया गया.


मोमबत्तियां बनाने का काम मिला

यहां शशिकला कैदी नंबर 9235 के रूप में रहेंगी. जेल में अपनी बची हुई तीन साल 10 महीने और 27 दिन की सजा काटेंगी. शशिकला को जेल में एक टीवी सेट, गद्दा और टेबल फैन दिया गया है. शशिकला को जिस सेल में रखा गया है, उसमें पहले से ही दो महिला कैदी हैं. शशिकला को जेल में तीन साड़ियां मिली हैं.

सूत्रों के मुताबिक, शशिकला को जेल में मोमबत्तियां बनाने का काम दिया गया है. इसके लिए उन्हें रोजाना 50 रुपए पारिश्रमिक दिया जाएगा. शशिकला के वकील ने कहा कि वे अब सजा के खिलाफ अपील नहीं करेंगी. वे पूरी सजा काटेंगी और फिर राजनीति में लौटेंगी.

जेल प्रशासन ने ठुकराई अपील

दिलचस्प बात यह है कि साल 2014 में शशिकला जब दिवंगत जयललिता के साथ जेल गई थीं, तब उन्हें कैदी नंबर 7403 मिला था. ऐसे में शशिकला ने अपील की थी कि उन्हें जेल की उसी सेल में रखा जाए, जिसमें पहले जयललिता को रखा गया था. जेल प्रशासन ने उनकी इस अपील को ठुकरा दिया.

जयललिता का पिछले साल दिसंबर में निधन हो जाने के बाद शशिकला  उनके पोएस गार्डन आवास में रह रही थीं. उनके वहां से रवाना होने से पहले समर्थकों ने नारेबाजी करके उनका अभिवादन किया.

शशिकला की ‘आरती’ उतारी

कर्नाटक रवाना होने से पहले शशिकला मरीना बीच स्थित दिवंगत जे. जयललिता के स्मारक पर पहुंचीं. स्मारक को दाहिने हाथ से तीन बार छूते हुए शशिकला ने संकल्प लिया कि एआईएडीएमके के 'दगाबाजों' को हराने के बाद फिर से राजनीति में लौटेंगी.

इसके बाद एमजीआर के नाम से लोकप्रिय एमजी रामचंद्रन के रामपुरम आवास पर शशिकला ने उनके चित्र के सामने कुछ देर ध्यान लगाया. उन्होंने आवास में एमजीआर की आदमकद प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसका उन्होंने हाल में अनावरण किया था. कुछ महिलाओं ने वहां शशिकला के लिए ‘आरती’ भी की.

क्या है मामला?

गौरतलब है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में निचली अदालत के फैसले को बहाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को चार साल कारावास की सजा सुनाई. अदालत के फैसले के बाद शशिकला अब 10 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगी. इसमें से चार साल उनकी कैद की अवधि के होंगे और रिहा होने के बाद जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत वह छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगी.

निचली अदालत ने जयललिता, शशिकला और दो अन्य को 27 सितंबर, 2014 को दोषी ठहराया था. सर्वोच्च न्यायालय का फैसला कर्नाटक सरकार की उस याचिका पर सुनवाई के बाद आया है, जिसमें उसने 11 मई, 2015 को कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा आय से अधिक संपत्ति मामले में जयललिता, शशिकला तथा दो अन्य को बरी करने के फैसले को चुनौती दी थी.

वर्ष 1991-1996 के दौरान जयललिता के मुख्यमंत्री रहते हुए 66.65 करोड़ रुपए के आय से अधिक संपत्ति के मामले में चारों को निचली अदालत ने दोषी ठहराया था.

( साभार न्यूज़ 18)