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अब भी बहुत असुरक्षित है ऐप बेस्ड कैब से सफर करना

साल 2015-2017 के बीच ही इन कैब्स से जुड़ी हुई आठ गंभीर घटनाएं सामने आई हैं

FP Staff

जन परिवहन यानि पब्लिक ट्रांस्पोर्ट हमेशा से शहरी आबादी के लिए किफायती और सुविधाजनक साधन रहा है. लेकिन मोबाइल एप आधारित कैब(Cab) सर्विसेज का बढ़ता प्रभाव आज के दौर में पब्लिक ट्रांस्पोर्ट का आरामदायक विकल्प माना जा आ रहा है.

UBER और Ola मौजूदा समय में यात्रियों के बीच सबसे प्रचलित एप बेस्ड टैक्सियां हैं. हालांकि कुछ समय से इन कैब्स पर सुरक्षा मानकों को लेकर काफी सवाल खड़े हो गए हैं. साल 2015 - 2017 के बीच ही इन कैब्स से जुड़ी हुई आठ गंभीर घटनाएं सामने आई हैं. CNN-News18ने अपने खास ऑपरेशन में इन टैक्सियों की सुरक्षा व्यवस्था में सामने आने वाली चूक को उजागर किया है.


CNN-News18 ने दिल्ली-NCR, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु में चलने वाली कुल 300 कैब्स में सफर कर खुफिया तरीके से सुरक्षा मानकों में विभिन्न कमजोरियों को सामने रखा. इस एक्सक्लूसिव पड़ताल में एप बेस्ड Uber और Ola कैब्स की इन खास कमियों का खुलासा हुआ:

>इन टैक्सियों में एक रजिस्टर्ड कैब को कई गैर पंजीकृत ड्राइवर चलाते हैं. मसलन, कई बार सवारी के पास पिक-अप मैसेज में किसी और ड्राइवर की फोटो भेजी जाती है, लेकिन पिक-अप के वक्त कोई दूसरा ड्राइवर आता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ये ड्राइवर खुद को कंपनी से रजिस्टर नहीं करते.

>दूसरा बड़ा सुरक्षा खतरा सामने आया ड्राइवरों के फेक लाइसेंस का. ये कैब कंपनियां फर्जी कागजों की बिनाह पर ड्राइवरों का वेरिफिकेशन कर लेती हैं. इसी के चलते कोई घटना होने के बाद इन ड्राइवरों को ढूंढना मुश्किल हो जाता है.

>इसके साथ ही इस पड़ताल में पता चला है कि रात 11 बजे के बाद ज्यादातर महिला पैसेंजरों के लिए कैब बुक नहीं हो पाती. जब्कि उसी समय पर पुरुष यात्रियों को आसानी से कैब मिल जाती है.