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राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में क्या कांग्रेस को रास आएगा बीएसपी का साथ!

इन तीनों ही राज्यों में कांग्रेस गठबंधन कर बीएसपी को कुछ सीटों पर चुनाव लड़ा सकती है इसके बदले में यूपी में कांग्रेस को बीएसपी अपनी कुछ सीटें दें सकती है

FP Staff

2019 के लोकसभा चुनावों के लिए यूपी में एसपी, बीएसपी और कांग्रेस का साथ चुनाव लड़ना अब लगभग तय है. हालांकि सीट बंटवारे का फ़ॉर्मूला क्या होगा ये अभी भी साफ़ नहीं है और इस सीट शेयरिंग के फ़ॉर्मूले का असर मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों पर भी देखा जा सकता है. इन तीनों ही राज्यों में कांग्रेस गठबंधन कर बीएसपी को कुछ सीटों पर चुनाव लड़ा सकती है इसके बदले में यूपी में कांग्रेस को बीएसपी अपनी कुछ सीटें दें सकती है.

बहरहाल राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने साफ़ कर दिया है कि उनके राज्य में बीएसपी के साथ गठबंधन को लेकर किसी तरह की कोई बातचीत नहीं हुई है. उन होने साफ कर दिया है कि कांग्रेस ही 200 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. हालांकि उन्होंने मान है कि मध्य प्रदेश में बीएसपी के साथ गठबंधन पर बातचीत हुई है.


मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी चुनौती देने के लिए कांग्रेस 'समान विचार वाली पार्टियों' के साथ गठबंधन करने की कोशिश में है. कांग्रेस के मध्य प्रदेश प्रभारी और पार्टी महासचिव दीपक बाबरिया ने भी बीएसपी के साथ बातचीत होने की पुष्टि की है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसको लेकर अभी किसी तरह की सहमति नहीं बनी है. मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में बीएसपी को 25 सीटें दीं जा सकतीं हैं.

मध्य प्रदेश-

बाबरिया के मुताबिक कांग्रेस समान विचार वाली पार्टियों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है और सांप्रदायिक राजनीति कर रही पार्टियों को सबक सिखाना चाहती है. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी के विरोध में एकजुट होने वालों में मायावती निश्चित तौर पर एक परिपक्व नेता हैं और वह जानती हैं कि उनका दलित वोटों में कितना असर है. कांग्रेस की मंशा है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी विरोधी वोटों का बंटवारा नहीं हो. अगर हमने बीजेपी विरोधी वोटों का बंटवारा रोक लिया तो पूरा विश्वास है कि हमें दो-तिहाई बहुमत मिलेगा. इसलिए हम चाहते हैं कि गठबंधन हो.

साल 2013 के चुनाव में बीएसपी को राज्य में 4 सीटें मिलीं थी और उसे 6.30 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. इसके अलावा कांग्रेस समाजवादी पार्टी (एसपी) और गोंडवाना गोमांतक पार्टी (जीजीपी) को भी साथ लेने की कोशिश में है.

बीएसपी के प्रभाव वाले इलाके

सुमावली, जौरा, वारासिवनी, सबलगढ़, दिमनी, अंबाह, मुरैना, भिंड, महाराजपुर, पन्ना, गुन्नौर, रामपुर बघेलान, सेमरिया, देवतालाब, रीवा, कटंगी, अटेर, लहार, सेवढ़ा, दतिया, पिछोर, करेरा, पोहरी, कोलारस, चंदेरी, मुंगावली, अशोक नगर, बीना, खुरई, बंडा, चंदला, बिजावर, मलहरा, खरगापुर, टीकमगढ़, जतारा, पृथ्वीपुर, पवई, चित्रकूट, सतना, रेगांव, नागौद, मैहर, अमरपाटन, चुरहट, धौहनी, सिंहावल, ब्योहारी, सिरमोर, त्योंथर, मऊगंज, गुढ़, बहोरीबंद, बड़वारा, विजयराघवगढ़, चितरंगी, देवसर और सिंगरौली.

किस सीट से कौन है BSP विधायक

दिम्बनी (मुरैना)- बलबीर सिंह डंडौतिया

अम्बाह (मुरैना)- सत्यप्रकाश सुखवार

रैगांव (सतना)- उषा चौधरी

मनगंवा (रीवा)- शीला त्यागी

वोट प्रतिशत: कब बढ़ा और कब घटा

बीएसपी को 2008 के चुनाव में 22 लाख 62119 वोट मिले थे, लेकिन 2013 चुनाव में उसके एक लाख 34160 वोट घट गए और उसे 21 लाख 27959 वोट मिले. प्राप्त वोटों के हिसाब से बीएसपी को 5.93 प्रतिशत और कुल मतों के हिसाब से 2.68 प्रतिशत का नुकसान हुआ. साल 2008 के विधानसभा चुनावों में बीएसपी को 8.97 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि 2013 में उसे 6.29 प्रतिशत मत हासिल हुए. बीएसपी की सीटें भी सात से घटकर चार रह गई थीं.

अनुसूचित जाति (एससी) की सीटें

मुरैना जिले की अम्बाह, भिंड जिले की गोहद, ग्वालियर जिले की डबरा, दतिया जिले की भांडेर, शिवपुरी जिले की करेरा, गुना, अशोक नगर, सागर जिले की बीना, नरयावली, टीकमगढ़ जिले की जतारा, छतरपुर जिले की चांदला, दमोह जिले की हटा, पन्ना जिले की गुन्नौर, सतना जिले की रैगांव, रीवा जिले की मनगवां, सिंगरौली जिले की देवसर, जबलपुर पूर्व, नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव, छिंदवाड़ा जिले की परासिया, बैतूल जिले की आमला, होशंगाबाद जिले की पिपरिया, रायसेन जिले की सांची, विदिशा जिले की कुरवाई, भोपाल जिले की बैरसिया, सीहोर जिले की आष्टा, राजगढ़ जिले की सारंगपुर, देवास जिले की सोनकच्छ, खंडवा, खरगौन जिले की महेश्वर, इंदौर जिले की सांवेर, उज्जैन जिले की तराना, घटिया, रतलाम जिले की अलोट, मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ और आगर विधानसभा सीट.

अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सीटें

सीधी जिले की धौहनी, सिंगरौली जिले की चितरंगी, शहडोल जिले ब्योहारी, जयसिंहनगर, जैतपुर, अनूपपुर जिले की अनूपपुर, पुष्पराजगढ़, उमरिया जिले की बांधगढ़, मानपुर, कटनी जिले की बडवारा, जबलपुर जिले की सिहोरा, डिंडौरी जिले की डिंडौरी, शहपुरा, मंडला जिले की मंडला, बिछिया, निवास, बालाघाट जिले की बैहर, सिवनी जिले की वरघाट, लखनादौन, जुन्नोरदेव, अमरवाड़ा, पांडुर्णा, बैतूल जिले की घोड़ाड़ोगरी, भैंसदेही, हरदा जिले की टिमरनी, देवास जिले की बागली, खंडवा जिले की बागली, खंडवा जिले की हरसूद, पांधना, बुरहानपुर जिले की नेपानगर, खरगौन जिले की भिकनगांव, भगवानपुरा, बड़वानी जिले की सेंधवा, राजपुर, पानसेमल, बड़वानी, अलीराजपुर जिले की अलीराजपुर, जोबट, झाबुआ जिले की सरदारपुर, गंधवानी, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी, नीमच जिले की रतलाम ग्रामीण और सैलानी विधानसभा सीट.

राजस्थान

हालांकि राजस्थान में कांग्रेस अभी तक यही कह रही है कि बीएसपी की ज़रुरत नहीं है लेकिन जानकारों का मानना है कि आखिरी वक़्त पर भी गठबंधन हो सकता है. बता दें कि साल 2013 के विधानसभा चुनावों में भी बीएसपी ने 3 सीटें जीती थीं. हालांकि धौलपुर विधानसभा से उसके विधायक बीएल कुशवाह हत्या के मामले में जेल चले गए इस सीट पर उपचुनाव हुआ और कुशवाह की पत्नी शोभारानी को बीजेपी ने टिकट दे दिया. फ़िलहाल राज्य में बीएसपी के दो विधायक हैं

किस सीट से कौन है BSP विधायक

चूरू की सादुलपुर विधानसभा सीट पर मनोज सिहं न्यांगली

झुंझुनूं की खेतड़ी विधानसभा सीट पर पूरणमल सैनी

2013 के चुनावों में बीएसपी को 3.44% वोट मिला था. साल 2008 के विधानसभा चुनावों में भी बीएसपी ने 6 सीटें जीती थीं और इससे पहले 2003 में भी उसके दो विधायक जीत कर आए थे. वैर और बयाना सीटों पर भी साल 2013 में बीएसपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था और उसके कैंडिडेट तीसरे-चौथे नंबर पर रहे थे.

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटें

अजमेर दक्षिण, अलवर ग्रामीण, कठूमर, बारां अटरू, चौहटन, वैर, बयाना, शाहपुरा, खाजूवाला, केशवराय पाटन, कपासन, सुजानगढ़, सीकराय, बसेड़ी, रायसिंहनगर, अनूपगढ़, पीलीबंगा, दूदू, जमवा रामगढ़, बगरू, चाकसू, जालोर, डग, पिलानी, भोपालगढ़, बिलाड़ा, हिंडौन, रामगंजमंडी, मेड़ता, जायल, सोजत, खंडार, धोद, रेवदर, निवाई.

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में 2013 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी को लगभग साढ़े चार प्रतिशत वोट मिला था. जबकि बीजेपी और कांग्रेस के जीत-हार के बीच का फासला महज एक प्रतिशत से भी कम था. इसी फासले के चलते राज्य में कांग्रेस के लिए बीएसपी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है.

किस सीट से कौन है BSP विधायक

जैजैपुर विधानसभा से केशव चन्द्रा

साल 2003 में बीएसपी ने 2 सीटें जीती थीं और उसका वोट प्रतिशत 2.55 था लेकिन इसके बाद से ही हर चुनाव में उसका वोट प्रतिशत घटा है. साल 2008 में भी बीएसपी ने 2 सीटें तो ज़रूर जीती लेकिन उसका वोट प्रतिशत घटकर 1.7 पर आ गया. 2013 में उसके हिस्से सिर्फ एक सीट आई और वोट प्रतिशत महज 0.75 ही रह गया.

(न्यूज18 हिंदी के लिए अंकित फ्रांसिस की रिपोर्ट)