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हिमाचल चुनाव 2017: ज्वालामुखी विधानसभा सीट पर बीजेपी-कांग्रेस दोनों की हालत खस्ता, भारी पड़ेंगे बागी

इस सीट से चार उम्मीदवार चुनावी मैदान में है. बीजेपी के उम्मीदवार रमेश धवाला, कांग्रेस के संजय रतन और कांग्रेस से बगावत कर चुके विजेंद्र धीमान और प्रताप सिंह राणा

FP Staff

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव अब ज्यादा दूर नहीं है. लेकिन कांग्रेस और बीजेपी जैसी बड़ी पार्टियों के लिए चुनाव से पहले नई मुसीबतें आ खड़ी हुई है. दोनों ही पार्टियों के कई नेता बागी हो चले हैं. ज्वालामुखी विधानसभा सीट पर दोनों पार्टियों की हालत खस्ता नजर आ रही है. यहां बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस कमजोर नजर आ रही है, क्योंकि उसके दो नेता बागी हो चले हैं. और उन्होंने नामांकन भी वापस लेने से इनकार कर दिया है. इसका फायदा बीजेपी को जरूर मिल सकता है.

इस सीट से चार उम्मीदवार चुनावी मैदान में है. बीजेपी के उम्मीदवार रमेश धवाला, कांग्रेस के संजय रतन और कांग्रेस से बगावत कर चुके विजेंद्र धीमान और प्रताप सिंह राणा. 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार संजय रतन ने बीजेपी के रमेश चंद को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया था. हालांकि उनकी जीत का मार्जिन कोई ज्यादा नहीं था, क्योंकि 2012 में उन्हें 24929 वोट मिले थे, तो वहीं बीजेपी उम्मीदवार रमेश चंद को 20904 वोट मिले थे.


रमेश चंद इस सीट से चार बार चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें तीन बार वो विजयी रहे, दो बार बीजेपी की सीट पर और एक बार निर्दलीय लड़कर उन्होंने चुनाव जीता था. लेकिन इस बार बीजेपी ने उनकी जगह रमेश धवाला पर भरोसा दिखया है. पिछले दो चुनावों में उन्होंने लगातार जीत दर्ज की थी और संजय रतन को ही मात दी थी. लेकिन 2012 में संजय रतन कांग्रेस में शामिल हुए और उन्हें जीत मिली. आपको बता दें कि कांग्रेस में शामिल होने से पहले संजय रतन ने अकेले की दम पर ही चुनाव लड़ा था. ल

हालांकि इस बार संजय रतन की राह में सबसे बड़े रोड़ा बीजेपी उम्मीदवार नहीं, बल्कि कांग्रेस के ही बागी नेता विजेंदर धीमान हैं. बताया जा रहा है कि धीमान के समर्थन में काफी लोग हैं और उनकी चुनाव में जीत दर्ज करने की संभावना भी काफी ज्यादा है. ऐसे में ज्वालामुखी सीट पर मुकाबला काफी रोचक हो गया है. इस सीट पर आखिरकार कौन जीतेगा, ये देखना दिलचस्प होगा.