हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव करीब आते जा रहे हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. लेकिन यहां कांटे की टक्कर बीजेपी और कांग्रेस में है. हिमाचल की जसवां परागपुर सीट दोनों ही पार्टियों के लिए अहम है.
इस सीट पर फिलहाल बीजेपी नेता बिक्रम सिंह का कब्जा है. वो इस सीट से दो बार 2003 और 2012 में विधायक चुने जा चुके हैं. जिसका मतलब साफ है कि उनकी इस सीट पर पकड़ मजबूत है. और इसी के चलते बीजेपी ने 2017 विधानसभा चुनावों के लिए भी इस सीट पर एक बार फिर उन्हीं पर भरोसा जताया है.
स्थानीय लोगों के बीच बनाया विश्वास
हालांकि कांग्रेस भी चुनावी दंगल में पीछे हटने को तैयार नहीं है. कांग्रेस ने बीजेपी उम्मीदवार बिक्रम सिंह को टक्कर देने के लिए सुरिंदर सिंह मनकोटिया को टिकट दिया है. मनकोटिया हिमाचल प्रदेश वर्कर वेलफेयर बोर्ड के वाइस-चेयरमैन भी हैं. मनकोटिया ने जसवां परागपुर के मौजूदा विधायक पर कई बार निशाना साधा है. उनका आरोप है कि मौजूदा विधायक ने अपने क्षेत्र के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया है.
इसके अलावा परागपुर के उपतहसील बनने से लोगों में काफी खुशी है. और इसके लिए स्थानीय लोगों ने सीएम वीरभद्र सिंह और मनकोटिया का आभार भी जताया है. कांग्रेस यहां स्थानी लोगों का भरोसा जीतने में काफी हद तक कामयाब नजर आ रही है.
क्या कहते हैं आंकड़े
कांग्रेस को इस सीट पर कम नहीं आंका जा सकता, क्योंकि 1967 से लेकर 2012 तक कांग्रेस पांच बार ये सीट जीत चुकी है, जबकि बीजेपी ने चार बार जीत दर्ज की है. वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो जसवां परागपुर सीट पर बिक्रम सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार निखिल राजौर को मात दी थी. इस सीट पर 2012 में बीजेपी को जहां 22000 वोट मिले थे, वहीं कांग्रेस को 15,907 वोट मिले थे.