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हिमाचल कांग्रेस में हलचल: सीएम का अपनी ही पार्टी पर हमला

वीरभद्र सिंह ने कहा कि पार्टी नीतियों से अलग दिशा की ओर बढ़ रही है और मनमाफिक तरीके से चयन किया जा रहा

FP Staff

हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह अपनी ही पार्टी से नाराज हैं. सोमवार को अपनी ही पार्टी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कारोबारियों की पार्टी ना बनाएं. यह आजादी में कुर्बानियां देने वालों की पार्टी है. पार्टी को अपनी कार्यसंस्कृति बदलने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि पार्टी नीतियों से 'अलग दिशा की ओर बढ़ रही है' और 'मनमाफिक तरीके से चयन' करने का तरीका इसकी अच्छी संस्कृति का खात्मा कर देगा. वह सोमवार को कुल्लू जिला के निरमंड में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे.


वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के पार्टी अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुखू को हटाने की मांग कर रहे हैं. इस सिलसिले में वह पिछले हफ्ते दिल्ली आकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिले. लोगों को लगा सबकुछ ठीक हो गया है. लेकिन राज्य प्रभारी सुशील कुमार शिंदे के उस बयान ने सीएम को फिर नाराज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि सुखू अपने पद पर बरकरार रहेंगे.

बिहार और गुजरात में बगावत झेल रही कांग्रेस 

इसके बाद वीरभद्र सिंह की नाराजगी बाहर आ गई. कांग्रेस पहले ही बिहार और गुजरात में खुद की पार्टी में बगावत का सामना कर रही है. कार्यकर्ता तो कार्यकर्ता, विधायक भी दूसरे पार्टियों का दामन थाम रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में चुनाव होनेवाले हैं. ऐसे में अंदरूनी कलह कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकता है.

वीरभद्र सिंह कांग्रेसे के कद्दावर नेताओं में आते हैं. वह चार बार सीएम भी रह चुके हैं. आलाकमान सहित पार्टी के कई नेताओं ने उनकी नाराजगी को खत्म करने की कोशिश की है. लेकिन वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुखू को हटाए बिना शायद ही मानें.

पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वीरभद्र ने तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर को पद से हटाने की मांग की थी. उस वक्त भी वीरभद्र ने धमकी दी थी कि यदि ठाकुर को पद से नहीं हटाया गया तो वह पार्टी छोड़ देंगे. बाद में ठाकुर खुद ही पद से हट गए थे.