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मॉनसून सत्र का तीसरा दिन भी चढ़ा हंगामे की भेंट

सीएम वीरभद्र सिंह शॉर्ट नोटिस स्टेटमेंट देने के लिए उठे तो विपक्ष ने इस पर ऐतराज जताया

FP Staff

हिमाचल विधानसभा के चार दिवसीय मॉनसून सत्र के तीन दिन पूरी तरह से हंगामे की भेंट चढ़ गए हैं. सदन में आज तीसरे दिन भी प्रश्नकाल नहीं चला. जनहित का कोई काम नहीं हुआ. विपक्ष कानून व्यवस्था पर कार्य स्थगन प्रस्ताव देकर चर्चा की मांग पर अड़ा है जबकि सत्तापक्ष आज एक नई रणनीति के साथ सदन में उतरा.

12 वीं विधानसभा का आखिरी सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया है. चार में से तीन दिन पूरी तरह से हंगामे और शोर शराबे की भेंट चढ़े. आज सदन में सत्तापक्ष की ओर से जो रणनीति अपनाई गई, उसे देखते हुए विपक्ष को भी अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा. सदन की कार्यवही ठीक 11 बजे शुरू हुई, जिसके बाद सीएम वीरभद्र सिंह शॉर्ट नोटिस स्टेटमेंट देने के लिए उठे तो विपक्ष ने इस पर ऐतराज जताया.


इस मुददे पर नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने भी कड़ा प्रतिकार किया और कहा कि प्रश्नकाल स्थगित किए बगैर शॉर्ट नोटिस स्टेटमेंट क्यों दिया जा रहा है. हालांकि, विरोध और हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने स्टेटमेंट पढ़ा. स्टेटमेंट में मंडी जिला के धर्मपुर में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना को लेकर सरकार की ओर से पक्ष रखा गया.

लेकिन विपक्ष इस बार पर अड़ा रहा कि कानून व्यवस्था के मुददे पर प्रश्नकाल स्थगित कर चर्चा होनी चाहिए. जब ऐसा नहीं हुआ तो विपक्षी विधायक सदल में लगातार नारेबाजी करते रहे और विधानसभा अध्यक्ष के आसन के नजदीक पहुंच गए. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को पहले 12 बजे तक स्थगित किया और फिर भी बात नहीं बनी तो सदन की कार्यवाही कल 11 बजे तक स्थगित कर दी गई.

सदन में विपक्ष के रवैये पर सीएम वीरभद्र सिंह ने तीखा हमला बोला. सीएम ने कहा कि विपक्ष विधानसभा का अपमान कर रहा है. गालीगलौज देकर अपनी और सदन की गरिमा गिरा रहा है. सीएम ने अपने चैंबर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि विपक्ष का प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत खराब कहना गलत है.

प्रदेश में जो प्रमुख तीन मुददे हैं, जिसमें गुड़िया केस में सीबीआई काम कर रही है, जबकि वन रक्षक हत्या मामले में पुलिस ने जांच पूरी कर ली है. लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश हैं कि पुलिस अभी चालान पेश न करे. साथ ही धर्मपुर दुष्कर्म मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. सीएम ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति नियमंत्रण में है.

सदन में हुई आज की घटना को विपक्ष ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. नेता प्रतिपक्ष प्रो प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि विपक्ष प्रदेश के सबसे गंभीर मामले पर चर्चा चाहता है. जिसके लिए नियम 67 के तहत नोटिस भी दिया गया था. लेकिन सरकार मानने को तैयार नहीं है.

अगर पहले ही दिन चर्चा की बात मान ली गई होती तो आज तक समस्या का हल भी निकल गया होता. धूमल ने कहा कि इसी वजह से समाजविरोधी तत्वों का डर नहीं रहा. प्रदेश में कुल्लू, धर्मपुर और हमीरपुर में भी दुष्कर्म के मामले सामने आए. धूमल ने कहा कि विपक्ष उत्तेजित और चर्चा चाहता है.

[न्यूज़ 18 इंडिया से साभार]