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हिमाचल चुनाव: खींचतान के बाद कांग्रेस से विद्या स्टोकस ने भरा ठियोग से पर्चा

कांग्रेस की इस परंपरागत सीट पर बीते कई चुनाव से विद्या स्टोक्स चुनाव लड़ती आ रही है

FP Staff

दिल्ली में चार दिनों तक माथापच्ची के बाद टिकट आवंटन में नौ के अंक की गुत्थी सुलझाने वाली कांग्रेस अब ठियोग सीट पर फिर उलझ गई है. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के लिए यह सीट छोड़ने को तैयार मंत्री विद्या स्टोक्स ने दीपक राठौर के पार्टी प्रत्याशी घोषित होते ही खुद ताल ठोक दी है. सोमवार को दीपक राठौर के बाद विद्या स्टोक्स ने भी नामांकन दाखिल कर दिया.

इससे पहले, रविवार को जारी हुई कांग्रेस की लिस्ट में दीपक राठौर को चुनाव मैदान में उतारा गया था.


सोमवार को ढाई बजे विद्या स्टोक्स ने यहां से कांग्रेस की ओर से नामांकन दाखिल कर दिया. इसके अलावा, दीपक राठौर ने भी ठियोग से पर्चा भरा है. ऐसे में कांग्रेस टकराव भी खुलकर दिख रहा है.

अब ठियोग में एक तरह से कांग्रेस के दो-दो प्रत्याशी हो गए हैं. दोनों कांग्रेस टिकट मिलने का दावा कर रहे हैं. हालांकि, प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि ठियोग से अब स्टोक्स ही पार्टी की प्रत्याशी होंगी. दीपक को नाम वापस लेने के लिए कह दिया गया है.

कांग्रेस उस सीट पर प्रत्याशी उतारने को लेकर पूरी तरह उलझ गई है. कांग्रेस की इस परंपरागत सीट पर बीते कई चुनाव से विद्या स्टोक्स चुनाव लड़ती आ रही है. इस बार शुरू में उन्होंने सीएम वीरभद्र के लिए सीट छोड़ दी थी.

बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य कारणों की वजह से किया था मना

उनके परिवार ने उनकी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य कारणों के चलते उन पर दवाब डाला था कि वे चुनाव न लड़ें. इसलिए भी उन्होंने चुनाव न लड़ने पर हामी भरी थी. बाद में खुद सीएम ने इस सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. लेकिन फिर सीएम सोलन की अर्की सीट से उम्मीदवार बन गए.

वीरभद्र सिंह के इंकार के बाद स्टोक्स ने खुद न चुनाव लड़कर ठियोग से विजयपाल खाची या राजेंद्र वर्मा में से किसी एक की उम्मीदवारी घोषित करने को कांग्रेस आलाकमान को पत्र भेजा.

सोमवार को दिन भर विजय खाची का टिकट तय होने की चर्चा रही. वीरभद्र और स्टोक्स दोनों ही खाची को उम्मीदवार बनाने के पक्ष में थे. लेकिन रविवार शाम को आई सूची में दीपक राठौर को टिकट दे दिया गया. इसका स्टोक्स समर्थकों ने विरोध किया. रविवार देर रात को स्टोक्स ने आपत्ति जताते हुए राहुल गांधी से भी बात की.

सोमवार दोपहर तक दीपक राठौर का टिकट नहीं कटा तो उन्होंने हाईकमान को संदेश भेजा कि वे खुद चुनाव लड़ने को तैयार हैं. इसके बाद स्टोक्स को पार्टी सिंबल जारी कर दिया गया. दीपक राठौर के पास पहले से ही पार्टी सिंबल था. राठौर ने दो बजे जबकि स्टोक्स ने करीब पौने तीन बजे नामांकन किया.

बाकायदा, स्टोक्स को प्रत्याशी बनाने के लिए सुक्खूविंद्र सिंह सुक्खू की ओर से लेटर जारी किया गया.

विद्या स्टोक्स पिछले साढ़े चार दशकों से हिमाचल की राजनीति में सक्रिय हैं और वर्तमान विधान सभा चुनावों में सबसे अधिक आयु की प्रत्याशी हैं . उनका जन्म 8 दिसंबर,1927 को हुआ था. प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर विद्या स्टोक्स ने कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं भी प्रदान की हैं.