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हिमाचल प्रदेश चुनाव 2017: पुरानी टीम के साथ ही चुनावी समर में उतरेगी कांग्रेस पार्टी

बुधवार को जारी दोनों पार्टियों की सूची में एक तरफ बीजेपी ने ज्यादा नए चेहरों को जगह दी है तो कांग्रेस ने सिटिंग विधायकों के साथ छेड़छाड़ नहीं की है

Vivek Avinashi

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों की सूची बुधवार को जारी कर दी. दोनों ही पार्टियों को उम्मीदवारों के चयन को लेकर भारी मशक्कत करनी पड़ी है.

कांग्रेस पार्टी ने पार्टी की आंतरिक कलह को रोकने के लिए कांग्रेस पार्टी के अधिकांश वर्तमान विधायकों को टिकट दिया है. वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद और उम्मीदवारों के चयन में वीरभद्र को पूरी आजादी देने के बाद पार्टी ने बिना कोई विरोध का जोखिम उठाए 59 नामों की सूची जारी कर दी है.


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जिन विधान सभा क्षेत्रों में अभी उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी नही हुई है उनमे पालमपुर और शिमला सदर का उल्लेख करना बेहद जरूरी है. पालमपुर से वर्तमान विधायक बृजबिहारी लाल बुटेल, जो विधान सभा के स्पीकर भी हैं, ने कहा है उनके बेटे को टिकट दिया जाए.

उधर शिमला सदर से वीरभद्र के पुत्र टिकट के दावेदार हैं. पुत्र-मोह के कारण इन टिकटों का आवंटन रुक गया है. ज्वाली के वर्तमान विधायक नीरज भारती के स्थान पर उनके पिता चन्द्र कुमार को टिकट दिया गया है.

कांग्रेस की इस सूची में केवल दो महिलाएं हैं, देहरा से विप्लव ठाकुर और डलहौज़ी से आशा कुमारी. दोनों ही प्रदेश में कांग्रेस राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं. विप्लव ठाकुर राज्य सभा की सदस्य भी रह चुकी हैं. कांग्रेस की इस सूची के बाद प्रदेश की अधिकांश सीटों पर पुराने प्रतिद्वंदी चुनावी दंगल में किस्मत आजमाएंगे.

उधर बीजेपी ने भी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है. भारतीय जनता पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं ने काफी विचार-मंथन के बाद हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी की.

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बुधवार को दिन के घटना क्रम में धर्मशाला में हुए बीजेपी कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी विरोध के स्वर मुखर हुए थे. इस स्थिति को रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा (जो हिमाचल से ही हैं) कांगड़ा के कद्दावर बुजुर्ग नेता शान्ता कुमार से भेंट करने उनके निवास पालमपुर सुबह ही पहुंच गए थे. लगभग दो घंटे बातचीत के बाद प्रेस-वार्ता में दोनों नेताओं ने आशा व्यक्त की कि टिकटों का विवाद सुलझ जाएगा.

इसके बाद नड्डा सुजानपुर प्रेमकुमार धूमल से मिलने गए और स्थिति का आकलन किया. फिर शाम को बीजेपी ने अपनी लिस्ट जारी कर दी.

वास्तव में कांगड़ा जिले की सूची का इंतजार सभी को इसलिए सबसे ज्यादा था क्योंकि बिना कांगड़ा के किसी भी दल द्वारा सरकार नहीं बनाई जा सकती. भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी सूची में बहुत से नए नाम हैं जिनको चुनाव में उतारा गया है. इनमें से कुछ तो ऐसे हैं जो कांग्रेस पार्टी छोड़ कर हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में आए हैं.

इन प्रत्याशियों का अपना जनाधार है और उसके बल पर भारतीय जनता पार्टी को लगता है वे अवश्य जीतेगी और सरकार बीजेपी की बनेगी. इसमें चौपाल, मंडी के उम्मीदवार शामिल हैं. मंडी के अनिल शर्मा तो वीरभद्र सरकार में मंत्री थे और पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री सुखराम के पुत्र है.

इस इलाके में पिता-पुत्र की अच्छी राजनीतिक पैठ है. वैसे भी अनिल शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी काडर कमजोर है. अनिल शर्मा बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की बहन अर्पिता के ससुर भी हैं और सलमान खान इनके चुनाव प्रचार में आने का वायदा किया है.

इसके इलावा नए उम्मीदवार के रूप में शिमला(सदर) से डॉ.प्रमोद शर्मा को टिकट दिया गया है जो हिमाचल के भूतपूर्व प्रशासनिक अधिकारी हैं और हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय में प्रोफेसर प्रमोद शर्मा युवाओं के आइकॉन रहे हैं.

डॉ. प्रमोद शर्मा, वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे यदि उन्हें कांग्रेस पार्टी ने टिकट दे दिया. क्योंकि आज घोषित कांग्रेस की सूची में तो उनका नाम अभी नही है. यह चुनावी मुकाबला भी अत्यंत रोचक होगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर

भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी सूची का यदि विश्लेषण किया जाए तो एक बात साफ नजर आती है उम्मीदवारों के चयन में पिछले एक वर्ष से पारदर्शिता और सर्वेक्षणों की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी के सभी दावे शीर्ष नेतृत्व के सामने धराशायी हो कर रह गए.

जिला हमीरपुर के भोरंज में चार महीने पहले उपचुनाव हुआ था. यहां बीजेपी के उम्मीदवार जीते थे. अब उन्हें इन चुनावों में टिकट न देकर महिला उम्मीदवार को टिकट दिया गया है. इसी प्रकार पालमपुर से प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष इंदू गोस्वामी को टिकट दिया गया है.

बीजेपी ने महिलाओं की राजनीति में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 6 महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा है. यह प्रयोग कितना सफल होगा यह तो चुनाव-परिणामों के बाद ही पता लगेगा लेकिन यह निश्चित है कि आज की तारीख में पार्टी ने यह दाव खेल कर 6 सीटों पर अनिश्चितता की स्थिति पैदा कर दी है. बीजेपी केवल शाहपुर(कांगड़ा) से महिला उम्मीदवार सरवीण चौधरी को ही आज तक जीता पाई है.