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हिमाचल चुनाव 2017: राहुल गांधी के सामने वीरभद्र सिंह और जीएस बाली में ठनी

नागरौटा में वीरभद्र सिंह जब भाषण दे रहे थे तो भी़ड़ में मौजूद स्थानीय विधायक जीएस बाली के समर्थकों ने बीच में खलल डाला और उनके खिलाफ नारेबाजी की

FP Staff

गुजरात में चुनाव अभियान के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को हिमाचल प्रदेश के दौरे पर थे. यहां उन्होंने एक के बाद एक पांवटा साहिब, नागरौटा बागवान और चंबा में रैली कर पार्टी के लिए प्रचार किया और वोट मांगे. राहुल की मौजूदगी में मंच पर इस पहाड़ी प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और परिवहन मंत्री जी एस बाली के बीच का झगड़ा सबके सामने आ गया.

पांवटा साहिब और चंबा में प्रचार के दौरान राहुल गांधी के साथ सीएम वीरभद्र सिंह भी मौजूद थे. इसके बाद जब नागरौटा जाने की बारी आई तो वीरभद्र ने इससे इनकार किया, ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री का नागरौटा जाने का कार्यक्रम पहले से तय नहीं था. नागरौटा जीएस बाली का निर्वाचन क्षेत्र है. कांग्रेस पार्टी के अंदर बाली को वीरभद्र के प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जाता है. मगर वीरभद्र सिंह राहुल के आग्रह करने पर वहां चले गए.


रैली में वीरभद्र ने राहुल गांधी ने पहले भाषण दिया. वीरभद्र जब मंच से बोल रहे थे तो भी़ड़ में मौजूद कांग्रेस के स्थानीय विधायक जीएस बाली के समर्थकों ने बीच में खलल डाला. बाली समर्थकों ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सत्ता में लौटने पर जीएस बाली को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाने की मांग की.

हिमाचल कांग्रेस में जीएस बाली वीरभद्र सिंह के हैं प्रतिद्वंद्वी

बार-बार खलल डालने से वीरभद्र सिंह चिढ़ गए. उन्होंने राहुल गांधी के सामने मंच से ही बाली समर्थकों को अनुशासन और तहजीब की सीख दे डाली. वीरभद्र ने कहा, 'बच्चों, अनुशासन सीखो जरा. जब कोई बोल रहा होता है, नारे नहीं लगाए जाते. क्या समझ रखा है आप लोगों ने?'

राहुल की रैली की सामने आए वीडियो में वीरभद्र सिंह का गुस्सा साफ देखा जा सकता है. उन्होंने खीझते हुए हड़बड़ी में 'जय हिंद, जय हिमाचल' बोलकर अपना भाषण खत्म किया. इसके बाद राहुल गांधी की भाषण देने की बारी थी. बाली की बगल वाली सीट पर जाकर बैठ गए वीरभद्र सिंह नाखुश थे. यह देखकर जी एस बाली ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन मुख्यमंत्री ने उनकी बात को अनसुना कर दिया.

राहुल जब अपना भाषण दे रहे थे तो बाली किसी से फोन मिलाकर बात करने में मशगूल हो गए. मगर तभी वीरभद्र सिंह ने बाली का हाथ कुर्सी की आर्म रेस्ट से हटा दिया.