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हिमाचल चुनाव 2017: बंदरों के उत्पात से छुटकारा दिलाने का वादा

बीजेपी के सीएम पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल ने कहा, 'बंदरों की बढ़ती संख्या पर काबू पाने के लिए सरकार ने असरदार तरीके से इस कार्यक्रम को नहीं चलाया'

Bhasha

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने सत्ता मिलने पर बंदरों की समस्या से छुटकारा दिलाने का भरोसा दिया है.

इस पहाड़ी राज्य में लगभग 2000 गांव बंदरों के उत्पात से प्रभावित हैं. हिमाचल में बंदरों के झुंड द्वारा अक्सर लोगों पर हमला करना और फसलों को बर्बाद कर देने की समस्या आम है.


बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल ने बंदरों की बढ़ती संख्या पर काबू पाने के लिए नसबंदी अभियान नहीं चलाने के लिए कांग्रेस सरकार को घेरा. उन्होंने कहा, ‘बंदरों की बढ़ती संख्या पर काबू पाने के लिए सरकार ने असरदार तरीके से इस कार्यक्रम को नहीं चलाया.’

धूमल ने कहा, ‘हम किसानों को अपने खेतों के इर्द-गिर्द जाली लगाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. हम अन्य जरूरी कदम भी उठाएंगे क्योंकि यह समस्या गांवों तक ही सीमित नहीं है, शहरों में भी फैल रही है.’

ऊना से अपनी किस्मत आजमा रहे प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार समस्या पर काबू पाने में नाकाम रही. सत्ती ने कहा कि नसबंदी के लिए बंदरों को पकड़ने पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए लेकिन उनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है.

वहीं, सरकार के उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, ‘हमने नसंबदी अभियान चलाया और दूसरे कदम भी उठाए. हम इस समस्या पर काबू पाने के लिए और कदम उठाएंगे.’

वर्ष 2015 में बंदरों की गणना के मुताबिक अकेले शिमला नगर निगम क्षेत्र में 2400 से ज्यादा बंदर थे और जंगल के आठ स्थानों को इसके लिए चिन्हित किया गया है.