दक्षिण दिल्ली में 7 कॉलोनियो के पुनर्विकास के लिए केंद्र सरकार ने 14 हजार पेड़ काटने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ एक तरफ जहां 15 हजार लोगों ने दिल्ली में चिपको आंदोलन की शुरुआत कर दी है तो वहीं कई लोगों ने सरकार के इस फैसले की आलोचना भी की. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने केंद्र सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध किया और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. इसी के साथ पार्टी ने रविवार को लोगों से इस पर विरोध दर्ज कराने की अपील भी की थी.
वहीं दूसरी तरफ अब सरकार के बचाव में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी आगे आए हैं. एक बयान में उन्होंने कहा कि मेरे मंत्री रहते एक भी पेड़ नहीं कटेगा. और अगर कोई पेड़ काटा भी गया तो उसकी जगह 10 पेड़ लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा 7 कॉलोनियों के पुनर्विकास के बाद ग्रीन कवर तीन गुना बढ़ जाएगा. पुरी ने तंज कसते हुए कहा कि युवा प्रदर्शनकारी आरोप लगाने में कुछ ज्यादा ही जल्दबाजी करते हैं.
सरकार के 14000 हजार पेड़ काटे जाने के फैसले के बाद के के मिश्रा नाम के युवक ने दिल्ली हाईकोर्ट में सरकार के इस फैसले पर रोक लगाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की है. उन्होंने कहा कि साउथ दिल्ली में करीब 20 हजार से ज्यादा पेड़ काटे जाएंगे. सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 9 लाख पेड़ों की कमी है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सरकार के इस फैसले पर कोर्ट रोक लगाएगी.