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पटेलों के बाद अब मराठे कर सकते हैं बीजेपी की नींद हराम

महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में से करीब 100 से ज्यादा सीटों पर मराठा सीधे असर डालते हैं

FP Staff

गुजरात चुनाव में बीजेपी पटेल आंदोलन की आग में झुलस चुकी हैं. 22 साल बाद बीजेपी ने 100 से भी कम सीटें जीती है. ऐसे में बड़ी मुश्किल से बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब तो हो गई लेकिन महाराष्ट्र में इससे भी बुरी हालत बीजेपी की हो सकती हैं. इसकी वजह मुंबई में कई अहम ठिकानों पर लगे पोस्‍टर-बैनर्स हो सकते हैं.

जिनमें मराठा युवा मोर्चा ने गुजरात में बीजेपी के 100 सीटें भी न जीत पाने के बारे में लिखा है. इन पोस्‍टर्स में इशारा किया गया है कि गुजरात में बीजेपी सेंचुरी भी पूरी नहीं कर पाई. वहीं आगे लिखा है कि अगर महाराष्ट्र में मराठों को आरक्षण नहीं दिया तो अगले चुनाव में महाराष्ट्र में 50 का आंकड़ा भी क्रॉस नहीं कर पाएगी. यही मराठा समाज का करारा जवाब होगा.


इन पोस्टर्स के सामने आने के बाद बीजेपी खेमे में खलबली मच गई है.

क्‍यों चिंतित है बीजेपी

इन बैनर-पोस्टर्स के सामने आने से बीजेपी का चिंतित होना स्वाभाविक है. महाराष्ट्र में करीब 34 फीसदी आबादी मराठा समाज की है. राज्य की कुल 288 विधानसभा सीटों में से करीब 100 से ज्यादा सीटों पर मराठा सीधे असर डालते हैं. मराठाओं के रसूख का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि महाराष्ट्र के इतिहास में ज्यादातर मुख्यमंत्री भी अभी तक मराठा समाज से ही हुए हैं.

मराठा समाज शिक्षा और सरकारी नौकरी में 16 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहा है. पिछले डेढ़ साल से आरक्षण की मांग को लेकर लगातार आंदोलन हो रहे हैं लेकिन अब तक सरकार आरक्षण नहीं दे पाई है.

बीजेपी को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी शिवसेना

मराठा आरक्षण को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस और एनसीपी लगातार फडणवीस सरकार को निशाना बना रही हैं. इन दलों ने आरोप लगाया है कि सरकार मराठाओं को आरक्षण न देकर उनके साथ छलावा कर रही है. वहीं शिवसेना ने कहा है कि जिस तरह हार्दिक ने पटेल आरक्षण के जरिए सरकार की खाट खड़ी कर दी उसी तरह अगर मराठाओं को आरक्षण नहीं दिया तो ये लोग भी बीजेपी को जबरदस्त झटका देंगें. इससे बीजेपी को आने वाले चुनाव में भारी नुकसान हो सकता है.

पशोपेश में बीजेपी

गौर करने वाली बात है कि अगर बीजेपी मराठाओं को 16 फीसदी आरक्षण दे भी दे तो वो कानूनन ठीक नहीं होगा क्‍योंकि महाराष्ट्र में पहले से ही करीब 52 फीसदी आरक्षण है. ऐसे में इस नए 16 फीसदी को मिलाकर कुल आरक्षण की सीमा करीब 68 फीसदी हो जाएगी जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अधिकतम सीमा 50 फीसदी का उल्लंघन होगा.

कांग्रेस सरकार ने 2014 विधानसभा चुनाव के पहले आरक्षण की घोषणा की थी लेकिन हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था. ऐसे में इस बार बीजेपी वही गलती नहीं दोहराना चाहती है. बहरहाल, मराठा युवा मोर्चा की धमकी के बाद बीजेपी में मंथन का दौर शुरु हो चुका है.

(न्यूज18 के लिए दिनेश मौर्या की रिपोर्ट)