राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी के बीच जुबानी जंग हर दिन तेज होती जा रही है. गुजरात के विसावदर में चुनावी सभा में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पीएम मोदी को अमिताभ बच्चन से बेहतर अभिनेता बताया. इससे पहले अभिनेता प्रकाश राज ने भी मोदी को बेहतर अभिनेता बताया था.
राहुल ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी जबर्दस्त अभिनेता हैं. अमिताभ बच्चन से भी बेहतर. अमूमन किसी अभिनेता को रोने के लिए कॉंटैक्ट लेंस लगाना होता है. उसकी आंखों में जलन होती है और आंसू टपक पड़ते हैं. लेकिन मोदीजी को अपनी आंखों से आंसू गिराने के लिए किसी कॉंटैक्ट लेंस की जरूरत नहीं पड़ती.’
राहल मोदी के भावुक भाषण पर चुटकी ले रहे थे. नोटबंदी के बाद एक भावुक भाषण में मोदी ने कहा था कि यदि वे काला धन वापस नहीं ला सके तो लोग उन्हें सूली पर लटका सकते हैं.
चुनाव प्रचार के दौरान भावुक होकर मोदी ने हाल में कहा था कि गुजरात उनकी मां है और वे उनके बेटे हैं.
चुनाव से दो दिन पहले फिर टपकेंगे मोदी जी के आंसू
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने गुरूवार को सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ गुजरात की दो दिवसीय यात्रा शुरू की.
मोदी को निशाने पर लेते हुए राहुल ने कहा, ‘आप देखेंगे कि चुनावों से दो-तीन दिन पहले फिर कैसे इस अभिनेता की आंखों से आंसू टपक पड़ते हैं. वे हर मुद्दे पर बोलेंगे लेकिन ये नहीं बताएंगे कि गुजरात में अपने उत्पाद के लिए किसानों को कितने रुपए मिलते हैं? कर्ज माफी हुई कि नहीं? या काले धन को सफेद कैसे कर लेते हैं?’
सौराष्ट्र क्षेत्र के विसावदर, सावरकुंडला और अमरेली में रैलियों को संबोधित करते हुए राहुल ने पाटीदारों तक पहुंच बनाने की भी कोशिश की. राफेल करार पर ‘चुप्पी’ एवं चुनिंदा उद्योगपतियों से ‘करीबी’ के लिए मोदी पर हमला बोला.
राहुल ने कहा, ‘यहां सभी समुदाय सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं. लेकिन गुजरात में आवाज उठाने पर आपको क्या मिल रहा है? आपको पीटा जाता है, आपको गोलियों का सामना करना पड़ता है.’
डर से संसद के शीतकालीन सत्र नहीं बुला रही सरकार
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘मैंने (राफेल करार पर) मोदी जी से तीन सवाल पूछे. पहला, क्या (फ्रांसीसी कंपनी के साथ हुए) पहले और दूसरे अनुबंध में विमानों की लागत में कोई फर्क है? कृपया हां या नहीं में जवाब दें.’
राहुल ने कहा, ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की बजाए एक निजी उद्योगपति मित्र को ठेका क्यों दिया गया? और क्या आपने करार के लिए कैबिनेट की सुरक्षा समिति (सीसीएस) से मंजूरी ली?’
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री उनके सवालों के जवाब देने से ‘परहेज’ कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि उनके गृह राज्य में हो रहे अहम चुनावों से पहले ‘सच्चाई’ सामने आ जाएगी.
उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित करने में इसलिए देरी की क्योंकि मोदी गुजरात चुनाव से पहले राफेल करार और जय शाह के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हैं.