गुजरात विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए पूरा जोर लगाते हुए बीजेपी गुजरात में ‘मोदी के करिश्मे’ को आधार बनाते हुए हर सीट और एक बूथ पर ध्यान केंद्रीत कर रही है. इस अभियान में पन्ना प्रमुख से जिला प्रमुख, प्रदेश प्रमुख, राष्ट्रीय नेताओं और मंत्री एक केंद्रीत कमान के रूप में काम कर रहे हैं.
करीब 15 वर्षो में पहली बार राज्य में मोदी बीजेपी का चेहरा नहीं हैं. पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और पिछड़े वर्ग के नेता जिग्नेश मेवाणी एवं ठाकोर के साथ कांग्रेस की ओर से बीजेपी को चुनौती दी जा रही है. ऐसे में बीजेपी एक बार फिर 'मोदी मैजिक' का सहारा लेती नजर आ रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में 27 नवम्बर और 29 नवम्बर को आठ रैलियों को संबोधित करेंगे. यहां विधानसभा चुनावों के लिए प्रथम चरण में नौ दिसम्बर को वोट डाले जाएंगे.
मोदी 27 नवम्बर की सुबह कच्छ जिले के भुज शहर में लोगों को संबोधित करेंगे और फिर राजकोट के जसदान शहर, अमरेली के धारी और सूरत जिले के कामरेज में सभा को संबोधित करेंगे.
मैं विकास छू, मैं गुजरात छू का टक्कर विकास पागल हो गया है से
वे 29 नवम्बर को दक्षिण गुजरात में सोमनाथ के नजदीक मोरबी और प्राची गांवों में, भावनगर के पलीताना में और नवसारी में जनसभाओं को संबोधित करेंगे.
गुजरात प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता भारत भाई पांड्या ने कहा कि हर रैली को इस तरह से आयोजित किया गया है कि आसपास के पांच-छह विधानसभा क्षेत्रों के लोग भी इसमें शामिल हो सकें.
कांग्रेस के ‘विकास पागल हो गया है’ के नारे की काट के रूप में बीजेपी ‘मै गुजरात छू, मैं विकास छूं’ के नारे पर जोर दे रही है.
बीजेपी की ओर से स्टार प्रचारकों में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अरूण जेटली, सुषमा स्वराज और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वसुंधरा राजे समेत कई अन्य नेता शामिल हैं.