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गुजरात में लालू को उतारने से क्यों बच रही है कांग्रेस

लालू बीजेपी से अपनी कसक पूरी करना चाहते हैं मगर कांग्रेस उनसे बच रही है

Ravishankar Singh

देश की सोशल साइट्स और मीडिया में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं. खासकर गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर इन दिनों सोशल साइट्स पर संग्राम छिड़ा हुआ है.

देश में चर्चाएं जोर पकड़ने लगी है कि गुजरात चुनाव में किस पार्टी का पलड़ा भारी है या किस पार्टी की जीत हो रही है? इस बात की भी खूब चर्चा हो रही है कि गुजरात में इस बार लालू प्रसाद यादव चुनाव प्रचार में उतरेंगे या नहीं.


गौरतलब है कि इस चुनाव की सुगबुगाहट या यूं कहें कि गर्माहट खासकर बिहार में विशेष तौर पर देखी जा रही है. लंबे समय से घायल शेर की तरह शिकार की ताक में बैठे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव गुजरात चुनाव के मैदान में कूद कर बीजेपी से हिसाब बराबर करना चाह रहे हैं.

लेकिन, इसके लिए उनको कांग्रेस से हरी झंडी का इंतजार है. कांग्रेस नेता लालू प्रसाद यादव को गुजरात चुनाव में प्रचार करने के लिए उतारने से कतरा रहे हैं.

हकीकत ये है कि कांग्रेस नेता भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे लालू प्रसाद यादव को गुजरात चुनाव से दूर ही रखना चाहते हैं. करीब दो दशक बाद कांग्रेस गुजरात में वापसी का सपना संजोए हुई है. ऐसे में पार्टी को ये डर सता रहा है कि कहीं लालू के चुनाव प्रचार में उतरने से विपक्षी दल भ्रष्टाचार का मुद्दा उछाल कर उनकी उम्मीदों पर पानी न फेर दे. दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव पसोपेश में हैं कि अगर ऐसी स्थिति रही तो आखिर वह गुजरात में किसके लिए वोट मांगेंगे?

दरअसल लालू प्रसाद यादव गुजरात में कांग्रेस के पक्ष में चुनाव प्रचार करना चाहते हैं. इसके लिए लालू प्रसाद यादव ने अपनी इच्छा कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचा भी दी है. ऐसे में अब कांग्रेस नेताओं को तय करना है कि लालू प्रसाद यादव को गुजरात चुनाव में प्रचार के लिए उतारना है या नहीं.

लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को पटना से रांची जाते वक्त पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि बीजेपी को हराने के लिए वह गुजरात में चुनाव प्रचार कर सकते हैं. बशर्ते कांग्रेस इसके लिए उन्हें कहे.

गौरतलब है कि इस चुनाव की सुगबुगाहट या यूं कहें कि गर्माहट खासकर बिहार में विशेष तौर पर देखी जा रही है. लंबे समय से घायल शेर की तरह शिकार की ताक में बैठे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव गुजरात चुनाव के मैदान में कूद कर बीजेपी से हिसाब बराबर करना चाह रहे हैं. लेकिन, इसके लिए उनको कांग्रेस से हरी झंडी का इंतजार है. कांग्रेस नेता लालू प्रसाद यादव को गुजरात चुनाव में प्रचार करने के लिए उतारने से कतरा रहे हैं.

जेडीयू से भी आ सकता है लालू को बुलावा

जेडीयू के बागी गुट के नेताओं का कहना है कि जेडीयू गुजरात में विधानसभा चुनाव लड़ेगी तो शरद यादव और लालू प्रसाद यादव उनकी पार्टी के स्टार कैंपेनर होंगे. इस लिहाज से लालू का गुजरात में चुनाव प्रचार करने का सपना पूरा तो हो जाएगा पर उनके चुनाव प्रचार करने से उम्मीदवार की जीत होगी कि नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं होगी. हां, लालू प्रसाद यादव का भाषण सुनने की इच्छा रखने वालों को खुशी होगी साथ ही बीजेपी को खरी-खोटी सुनाने का इस बहाने लालू को एक अच्छा मौका भी मिल जाएगा.

गुजरात चुनाव में लालू प्रसाद यादव कांग्रेस के लिए अगर चुनाव प्रचार करते हैं तो अपनी कला और खास अंदाज से वे भीड़ तो जुटा ही सकते हैं. हां वोट दिला पाएंगे या नहीं ये कहना थोड़ा मुश्किल होगा.

लालू प्रसाद यादव ने इच्छा व्यक्त की है कि वह बीजेपी को हराने के लिए गुजरात के हर विधानसभा क्षेत्र में सभा करेंगे. अब देखना है कि कांग्रेस अपने सहयोगी दल आरजेडी की इच्छा को गंभीरता से लेती है या नहीं.

दूसरी तरफ जेडीयू शरद गुट के नेता अरुण कुमार श्रीवास्तव ने फर्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहा है, ‘देखिए हम लोगों के गठबंधन से कांग्रेस वहां मुख्य पार्टी है. अब कांग्रेस पार्टी को ही यह निर्णय लेना है कि वह अपने सहयोगी दलों के नेताओं को इसके लिए बुलाती है या नहीं. वैसे हमारी पार्टी भी वहां पर आदिवासी इलाकों के कुछ सीटों पर चुनाव लड़ेगी. ऐसे में लालू प्रसाद यादव को भी हमलोग चुनाव प्रचार के लिए बुला सकते हैं.’

गठबंधन की राजनीति में कभी लालू प्रसाद यादव की हुंकार दूर-दूर तक सुनाई देती थी. सहयोगी दल भी लालू प्रसाद यादव की इच्छा को खास तवज्जो देते थे, लेकिन आज एक ऐसा दौर भी आ गया है कि लालू प्रसाद यादव को चुनाव प्रचार में उतारने से भी सहयोगी पार्टियां कतरा रही हैं.