view all

बीजेपी के लिए लकी रही राजकोट (पश्चिम) सीट लगा पाएगी सीएम रूपाणी की नैया पार

यह सीट बीजेपी के लिए काफी भाग्यशाली रही हैं, मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी भी इसी सीट से उपचुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे

FP Staff

गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है. दोनों पार्टियां जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं. एक-एक सीट के लिए खास तैयारियां की जा रही है. ऐसे में अगर बात मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के सीट की की जाए तो मामला अपने आप ही हाई प्रोफाइल हो जाता है. सीएम रूपाणी राजकोट-पश्चिम की सीट से चुनाव मैदान में हैं. आइए जानते हैं इस सीट का हाल...

यह सीट बीजेपी के लिए काफी भाग्यशाली रही हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी भी इसी सीट से उपचुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. रूपाणी के लिए भी यह सीट काफी लकी रहा. 2014 में हुए उपचुनाव में जीत हासिल करने के दो साल बाद ही रूपाणी प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बार यह सीट बीजेपी और सीएम रूपाणी के लिए भाग्यशाली रहती है या नहीं.


क्या है इस विधानसभा क्षेत्र का गणित

राजकोट-पश्चिम विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा करीब 55 हजार पटेल वोटर हैं. इसके अलावा व्यापारी वर्ग की तादाद लगभग 30 हजार है. ब्राह्मण जाति के 28 हजार और राजपूत जाति के 12 हजार वोटर इस इलाके में हैं. जबकि 25 हजार के आस-पास पिछड़ी जातियों का वोट बैंक है. इस सीट पर 12 हजार दलित और 10 हजार मुस्लिम और लगभग 3 हजार जैन समुदाय के लोग हैं.

विजय रूपाणी के खिलाफ हैं कांग्रेस के इंद्रनील राज्यगुरु

विजय रूपाणी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने इंद्रनील राज्यगुरु को उम्मीदवार बनाया है. इंद्रनील राज्यगुरु फिलहाल राजकोट-पूर्व विधानसभा क्षेत्र से विधायक है. ब्राह्मण समाज से आने वाले राज्यगुरु से कांग्रेस को उम्मीद है कि वो रूपाणी को हरा देंगे. पटेल समुदाय में बीजेपी के प्रति नाराजगी भी कांग्रेस के लिए उम्मीद की किरण की तरह है.