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अंतरधार्मिक विवाहों के लिए प्रोत्साहन राशि नहीं देगी केंद्र सरकार

केंद्रीय मंत्री विजय सांपला ने लोकसभा में पूछे गए पूरक प्रश्न के जवाब में कहा, ‘अंतरधार्मिक विवाह को प्रोत्साहन के संबंध में हमारे पास कोई योजना नहीं है'

Bhasha

अंतरजातीय विवाहों में पति या पत्नी में से कोई एक अनुसूचित जाति का होने पर सरकार की तरफ से प्रोत्साहन दिया जाता है. लेकिन दो अलग-अलग धर्मों के लोगों के विवाह पर प्रोत्साहन राशि देने की केंद्र सरकार की कोई योजना नहीं है.

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री विजय सांपला ने मंगलवार को लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा कि सामाजिक समरसता को बनाए रखने के लिए और जातीय भेदभाव को खत्म कर समाज में आई विकृतियों को दूर करने के लिए अंतरजातीय विवाहों पर सरकार प्रोत्साहन राशि देती है जिसमें पति या पत्नी में से कोई एक अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखता हो.


उन्होंने गौरव गोगोई के पूरक प्रश्न के जवाब में कहा, ‘अंतरधार्मिक विवाह को प्रोत्साहन के संबंध में हमारे पास कोई योजना नहीं है’. सांपला ने बताया कि वर्ष 2017-18 से पहले सभी राज्यों में अंतरजातीय विवाहों को प्रोत्साहित करने के लिए 10 हजार रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक अलग-अलग राशि दी जाती थी लेकिन सरकार ने इसमें एकरूपता लाने के लिए अब सभी राज्यों में इस राशि को ढाई लाख रुपए निर्धारित कर दिया है.

उन्होंने कहा, ‘योजना के अनुसार प्रोत्साहन राशि पर होने वाला खर्च केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 50:50 के आधार पर वहन किया जाता है. केंद्र शासित प्रदेशों को शत प्रतिशत सहायता केंद्र देता है’. सांपला के अनुसार यदि कोई राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ढाई लाख रुपए से अधिक प्रोत्साहन राशि व्यय करना चाहता है तो अतिरिक्त राशि का खर्च राज्य सरकार को उठाना होगा, केंद्र अपनी हिस्सेदारी नहीं बढ़ाएगा.

उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी कहा कि ढाई लाख रुपये की मौजूदा प्रोत्साहन राशि को बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.