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नोटबंदी पर गोविंदाचार्य ने केंद्र को कानूनी नोटिस भेजा

गोविंदाचार्य ने कानूनी नोटिस जारी करके पीड़ित लोगों के लिए केंद्र से मुआवजे की मांग की

FP Staff

नई दिल्ली. पूर्व भाजपा नेता और चिंतक के एन गोविंदाचार्य ने नोटबंदी मामले में कानूनी नोटिस जारी करके पीड़ित लोगों के लिए केंद्र सरकार से मुआवजे की मांग की है.

गोविंदाचार्य ने वकील विराग गुप्ता के माध्यम से केंद्र सरकार में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास तथा रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल को यह नोटिस दी गई है.


केंद्र सरकार द्वारा विमुद्रीकरण के पश्चात 500 तथा 1000 के नोट रद्दी हो गए हैं, जिन्हें सरकार द्वारा आरबीआई एक्ट की धारा 26(2) की नोटिफिकेशन से भुगतान हेतु मान्य नहीं बनाया जा सकता.

सरकार के फैसले के खिलाफ गोविंदाचार्य

विमुद्रीकरण की नोटिफिकेशन एसओ 3407 (ई) आरबीआई एक्ट की धारा 26(2) के तहत केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड की अनुशंसा से 8 नवंबर की रात को जारी किया, जिसकी वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित है.

गोविंदाचार्य ने अपनी कानूनी नोटिस में कहा है कि सरकार द्वारा बाद में छूट के लिए नोटिफिकेशन एसओ 3408 (ई) जारी किया गया, जिसके लिए सेक्शन-26(2) में सरकार को कोई कानूनी अधिकार हैं ही नहीं.

अगर सरकार के पास नोटों को फिर से चलाने की छूट का अधिकार यदि है भी, तो उसके लिए रिजर्व बैंक की सेंट्रल बोर्ड की अनुशंसा से ही केंद्र सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है.

क्योंकि छूट के लिए रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड ने अलग से कोई अनुशंसा नहीं की है. इसलिए सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन 3408 (ई) अवैध और गैर-कानूनी है.

नोटिस में सरकार से तीन दिन के भीतर रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड की अनुशंसा से केंद्र सरकार द्वारा नया कानून बनाने की मांग की है जिससे आम जनता के हितों को सुरक्षित किया जा सके.

मुश्किल में है जनता 

नोटिस के अनुसार सरकार द्वारा मनमर्जी से नोटों के इस्तेमाल की छूट संविधान के अनुच्छेद-14 एवं समानता के अधिकार के विरूद्ध है.

नोटिस में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आम जनता को जीने का अधिकार है परंतु सरकार के आकस्मिक निर्णय से देश की आम जनता घोर संकट में आ गई है.

नोटिस के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा बड़े नोटों की बंदी के निर्णय से 40 लोगों की मौत की खबर है तथा अर्थव्यवस्था तबाह हो रही है.

उन्होंने मांग की है कि सरकार द्वारा दुर्घटना में मारे गए लोगों को मुआवजा दिया जाता है. इसलिए केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी के निर्णय से जो लोग आकस्मिक मौत का शिकार हो रहे हैं, उन्हें भी मुआवजे दिए जाएं.

नोटिस में सरकार से मांग की गई है कि आम जनता के खिलाफ सख्ती करने से पहले ब्लैक मनी के बड़े खिलाड़ियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने सरकारी बैंकों का पैसा हजम कर लिया है.

नोटिस में विमुद्रीकरण से अर्थव्यवस्था तथा सरकारी खजाने को भारी क्षति का भी विवरण दिया गया है.