आज यानी बुधवार से संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत हो रही है. नरेंद्र मोदी सरकार अपने इस अंतिम मॉनसून सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने की तैयारी में है.
22 दिन तक चलने वाला मॉनसून सत्र कामकाज के लिहाज से महत्वपूर्ण है. सरकार का इरादा इस दौरान 18 विधेयक पेश करने का है. सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में तीन तलाक विधेयक पारित कराना शामिल है. पिछले साल अगस्त में यह विधेयक लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में अटका पड़ा है. सरकार का जोर अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित विधेयक को पारित कराने पर भी है.
सरकार के एजेंडे में मेडिकल शिक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग विधेयक और ट्रांसजेंडर के अधिकारों से जुड़ा विधेयक भी शामिल है. साथ ही आपराधिक कानून संशोधन विधेयक 2018 भी पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. इसमें 12 साल से कम आयु की लड़कियों से बलात्कार के दोषियों के लिए फांसी तक की सजा का प्रावधान किया गया है.
मॉनसून सत्र के दौरान सरकार सदन में 18 विधेयक पेश कर सकती है. यह विधेयक कौन-कौन से हो सकते हैं, इसके बारे में आपको बताते हैं...
- मानव तस्करी (रोकथाम, सुरक्षा और पुनर्वास) बिल 2018
- अनियमित जमा योजना और चिटफंडों पर प्रतिबंध लगाने का विधेयक 2018
- भारतीय हवाईअड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण संशोधन बिल 2018
- मध्यस्थता और समझौता विधेयक, 2018
- आत्मविमोह, मस्तिष्क पक्षाघात और मंदबुद्धि के शिकार व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय न्यास और बहु-विकलांगता अधिनियम
- होम्योपैथिक सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) विधेयक, 2018
- इन्सॉलवेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) विधेयक, 2018
- क्रिमिनल लॉ (संशोधन) विधेयक, 2018
- सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (संशोधन) विधेयक, 2018
- आइजीएसटी (संशोधन) विधेयक, 2018
- जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) संशोधन विधेयक, 2018
- प्रोटेक्शन ऑफ ह्यूमन राइट्स (संशोधन) विधेयक, 2018
- राइट टू इन्फॉरमेशन (संशोधन) विधेयक, 2018
- बांध सुरक्षा विधेयक, 2018