आरक्षण के मुद्दे पर बोलते हुए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि आर्थिक तौर पर आरक्षण नहीं था. जातीय जनगणना आर्थिक तौर पर करने का काम किया उसे पहले पब्लिक में लाए. पता लगे कितने लोग दिहाड़ी मजदूर हैं. कौन सी जाति के लोग नाला साफ करते हैं, किस जाति के लोग भूमिहीन हैं. इन सब चीजों को छुपाने का काम भारत सरकार ने किया है. पिछड़े, दलित और आदिवासी हैं उनका आरक्षण पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपए से कम है उन्हें इस आरक्षण का लाभ मिलेगा. आरक्षण के लिए सरकार मंगलवार को संवैधानिक संशोधन विधेयक लाएगी और इस पर चर्चा के लिए दो दिन संसद का शीतकालीन सत्र बढ़ाया जा सकता है.
सरकार संविधान के आर्टिकल 15 और 16 में संशोधन करेगी. ये देनों संशोधन आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए होगा या जो जनरल कैटेगरी के अंदर आते हैं.
1000 वर्गफुट या इससे बड़े घर में रहने वाले सवर्णों को नहीं मिलेगा इस आरक्षण का फायदा. जिन सवर्णों के पास 5 एकड़ या इससे ज्यादा की जमीन है, उन्हें भी इस आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि अभी यह बिल संसद में है और इस पर ब्रीफिंग नहीं हुई है.