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गोवर्धन झड़ापिया ने किसे बताया था 'शिवलिंग पर बैठा बिच्छू', वीडियो वायरल

शशि थरूर ने आरएसएस के सूत्रों का नाम लिए बगैर कहा था कि 'मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं. इन्हें ना तो हाथ से हटा सकते हैं और नी ही चप्पल से.'

FP Staff

गुजरात के पूर्व गृह मंत्री गोवर्धन झड़ापिया को बीजेपी ने उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया है. झड़ापिया का नाम सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई थी क्योंकि झड़ापिया नरेंद्र मोदी के प्रखर आलोचक रहे हैं.

अब एक नया वीडियो सामने आया है जिसमें वह कह रहे हैं जैसे शिवलिंग पर बिच्छू बैठा हो, न ही संघ ही संघ परिवार उन्हें हटा सकता है और न ही चप्पल से मार सकता है. हालांकि इस वीडियो में वो किसी का नाम नहीं ले रहे हैं. इसलिए ये कंफर्म नहीं है कि उन्होंने ये किसके लिए कहा था.


इससे पहले अक्टूबर में बेंगलुरु के लिटरेचर फेस्टिवल में शशि थरूर ने आरएसएस के सूत्रों का नाम लिए बगैर कहा था कि 'मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं. इन्हें ना तो हाथ से हटा सकते हैं और नी ही चप्पल से.'

कौन हैं गोवर्धन झड़ापिया

जब बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया तब झड़ापिया राज्य सरकार में मंत्री थे. 2002 के गुजरात दंगों के समय झड़ापिया ही राज्य के गृहमंत्री थे और दंगे में इनकी भूमिका पर सवाल भी उठे थे. बाद में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पद से हटा दिया था.

गृह मंत्री का पद जाने के बाद झड़ापिया मोदी के आलोचन बन गए और 2007 में बीजेपी से इस्तीफा देकर अपनी नई पार्टी बना ली. झपाड़िया यही नहीं रुके और बीजेपी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा. हालांकि कामयाबी हाथ नहीं लगी. बाद के समय में उन्होंने मोदी के आलोचक केशुभाई पटेल से भी हाथ मिलाया लेकिन फिर 2014 में उनकी बीजेपी में वापसी हो गई.

विश्व हिंदू परिषद के प्रवीण तोगड़िया से भी गोवर्धन झड़ापिया की काफी करीबी रही. तोगड़िया के वीएचपी से जाने के बाद ही झड़ापिया का बीजेपी में आने का रास्ता साफ हुआ. हालांकि 2014 में पार्टी में वापसी करने के बाद उनके पास कोई बड़ा पद या जिम्मेदारी नहीं थी. यहां तक कि 2017 गुजरात विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट तक नहीं दिया गया. कहा जाता है कि अगर 2017 चुनाव में उन्हें टिकट मिलता तो वे मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में उभर सकते थे.