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गाजीपुर हमले पर बोली कांग्रेस-BJP के राज में लोकतंत्र भीड़तंत्र के बराबर

योगी सरकार पर निशाना साधते हुए शनिवार को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 'आदित्यनाथ के महाजंगलराज में न जनता सुरक्षित है,ना ही पुलिस'

FP Staff

गाजीपुर में शनिवार को निषाद पार्टी के विरोध प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी से हुई पुलिस कॉन्स्टेबल की मौत के बाद मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है. मामले को लेकर कांग्रेस उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साध रही है.

योगी सरकार पर निशाना साधते हुए शनिवार को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 'आदित्यनाथ के महाजंगलराज में न जनता सुरक्षित है,ना ही पुलिस. आज गाजीपुर में मोदीजी की रैली के बाद, भीड़ ने पुलिस कांस्टेबल,सुरेश वत्स की निर्मम हत्या की. इसके पहले इन्सपेक्टर सुबोध कुमार सिंह की भीड़ ने हत्या की,जिसे CM ने ‘दुर्घटना’ क़रार दिया!' उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'बीजेपी के राज में लोकतंत्र भीड़तंत्र के बराबर है'


वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कॉन्स्टेबल के परिवार को 50 लाख रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया है.

वहीं पुलिस ने बताया कि पत्थरबाजी, निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नौनेरा में अटवा मोड़ पुलिस स्टेशन के पास के इलाके में की. सीओ सिटी, एमपी पाठक ने बताया कि 'इस ममाले में 32 नामजद लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है. इसके अलावा इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.'

दूसरीतरफ, पत्थरबाजी में जान गंवाने वाले कॉन्सटेबल सुरेश वत्स के बेटे का कहना है कि 'पुलिस अपनी ही रक्षा नहीं कर पा रही है. हम उनसे और क्या ही उम्मीद रखें. अब हम मुआवजे का क्या करें. इससे पहले बुलंदशहर और प्रतापगढ़ में भी ऐसी ही घटनाएं हुईं.'

क्या है पूरा मामला?

शनिवार को गाजीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराजा सुहेलदेव को समर्पित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए थे. यहां उन्होंने महाराजा सुहेलदेव के नाम पर एक पोस्ट स्टांप जारी कर रैली को संबोधित किया. मृतक पुलिस कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स उसी सभा में ड्यूटी पूरी कर के वापस लौट रहे थे. तभी गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. इसी पत्थरबाजी में वत्स की मौत हो गई.वहीं दो स्थानीय नागरिकों की भी मौत हो गई थी. पुलिस ने बताया कि निषाद पार्टी के कार्यकर्ता पहले से ही अटवा मोड़ पर प्रदर्शन कर रहे थे.

क्यों प्रदर्शन कर रहे थे निषाद पार्टी के कार्यकर्ता?

इससे पहले निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बताया था कि वो निषादों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि, ' हम इलाहबाद से शुरू कर पूरे राज्य में मार्च निकालेंगे. चार साल बीत गए, पर न तो अब तक पीएम और न हीं मुख्यमंत्री ने हमारी मांगो को पूरा किया है.'