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कर्नाटक चुनाव: BJP कैंडिडेट के लिए प्रचार कर रहे हैं गौरी लंकेश के भाई

इंद्रजीत के मुताबिक वो किसी राजनीतिक विचारधारा के साथ नहीं हैं. वो ऐसे व्यक्ति के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं, जिन पर उन्हें भरोसा है

Akshatha Jesudasan

गौरी लंकेश की हत्या को सात महीने हो गए हैं. बेंगलुरु की इस पत्रकार की पहचान राइटविंग चरमपंथियों के खिलाफ आवाज उठाने की थी. उन्हें राजराजेश्वरी नगर में अपने घर के बाहर गोली मार दी गई थी. अब, सात महीने बाद उनके भाई इंद्रजीत पर नजर है, जो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी डॉ. अश्वथ नारायण के लिए प्रचार कर रहे हैं. अश्वथ नारायण मल्लेश्वरम से चुनाव लड़ रहे हैं.

'भरोसा है इसलिए प्रचार'


इंद्रजीत के मुताबिक वो किसी राजनीतिक विचारधारा के साथ नहीं हैं. वो ऐसे व्यक्ति के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं, जिन पर उन्हें भरोसा है. वह कहते हैं. ‘डॉ. अश्वथ नारायण मेरे अच्छे दोस्त हैं. मैं उन्हें व्यक्तिगत तौर पर जानता हूं. पढ़े-लिखे आदमी हैं. इसलिए उनके लिए प्रचार करना अच्छा लगता है. मुझे लगता है कि हम भारी अंतर से चुनाव जीतेंगे.’

इंद्रजीत कहते हैं, ‘जनता दल और बीजेपी के कई लोगों ने मुझसे चुनाव प्रचार के लिए कहा था. लेकिन मैं नहीं गया, क्योंकि मेरी अपनी विचारधारा है. इसलिए मुझे विचारधारा से न जोड़ा जाए. मुझे अश्वथ नारायण से जोड़कर देखा जाए.’

गौरी जिस पार्टी के खिलाफ थीं, उनके लिए इंद्रजीत प्रचार कर रहे हैं, इस बारे में उनकी बहन कविता कहती हैं, ‘मैं राजनीति से जुड़ी व्यक्ति नहीं हूं. मेरे पिता वामपंथी विचारधारा के थे. मेरी बहन ने भी वही रास्ता अपनाया. मेरा नैतिक समर्थन हमेशा उनके साथ था. लेकिन हर किसी का अधिकार है कि वह अपना रास्ता खुद चुने. मुझे इंद्र से कोई शिकायत नहीं है. हम हमेशा अलग सोच के लोग रहे हैं. हमने अलग रास्ते चुने हैं. अगर मैं उनसे सहमत होऊंगी, तो उनके साथ खड़ी दिखाई दूंगी.’

गौरी की मां इंदिरा लंकेश इस मामले में अपने विचार रखने से बचना चाहती हैं. वो कहती हैं, ‘मैं क्या कहूं? मैं कुछ नहीं कह सकती.’ हालांकि कविता के पास कहने के लिए काफी कुछ है, ‘अगर आपने पब्लिकेशन (लंकेश पत्रिका) देखा हो, तो आठ महीने पहले वे कांग्रेस का समर्थन कर रहे थे. अब वे बीजेपी के साथ है. मुझे इसके खिलाफ कुछ नहीं कहना है. मैं हमेशा अपने पिता और बहन के साथ रही हूं. आगे भी वही करूंगी.’

उनकी बहन कविता लंकेश प्रकाश राज के साथ

कविता कहती हैं कि वो देश में राइट विंग के बढ़ते असर के खिलाफ खड़ी होंगी, ‘प्रकाश (राज) जैसे लोगों के साथ, जो राइट विंग के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, मैं भी खड़ी रहूंगी. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरे भाई हैं, दोस्त या पारिवारिक मित्र, मैं हमेशा उन लोगों के साथ खड़ी दिखूंगी, जो सेक्युलरिज्म और संवैधानिक अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं.’

फिल्म अभिनेता और एक्टिविस्ट प्रकाश राज कहते हैं, ‘हर किसी को अधिकार है कि वो जो करना चाहे, करे. ऐसा नहीं है कि लोग नहीं जानते कि बीजेपी क्या चाहती है. अगर वो (इंद्रजीत) उनके लिए कैंपेन करना चाहते हैं, तो करें. हमें इस मामले पर सहिष्णु होना चाहिए.’

इंद्रजीत गौरी की हत्या के लिए सिद्धरमैया सरकार को दोषी ठहराते हैं

कविता मानती हैं कि गौरी की हत्या राजनीति से प्रेरित थी. आरएसएस और तमाम राइट विंग संगठनों के खिलाफ उनकी विचारधारा के चलते हत्या ही, ‘वह राइट विंग चरमपंथ, आरएसएस और इस तरह के तमाम संगठनों के खिलाफ थीं. यकीनन उनकी हत्या राजनीतिक वजहों से हुई.’ स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने गौरी की हत्या के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया है. कहा जा रहा है कि केटी नवीन नाम का यह शख्स हिंदू युवा सेना से ताल्लुक रखता है. हालांकि सात महीने बीतने के बाद भी हत्या को लेकर पुख्ता सबूत नहीं मिल पाए हैं.

दिलचस्प है कि कविता की सोच से अलग इंद्रजीत अपनी बहन की हत्या के लिए सिद्धरमैया सरकार को दोषी मानते हैं. वह एक नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी को पसंद करते हैं और दोस्ती के नाते डॉ. नारायण का प्रचार कर रहे हैं. वह कहते हैं, ‘मुझे नहीं पता कि राइट विंग के लोगों ने हत्या की या लेफ्ट विंग के. मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि इसके लिए सिद्धरमैया सरकार जिम्मेदार है. यह लॉ एंड ऑर्डर के फेल होने का मामला है.’ उन्हें लगता है कि मुख्यमंत्री को गौरी के लिए सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए थी, क्योंकि वो नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए काम कर रही थीं.

(लेखक बेंगलुरु में मीडिया स्टार्टअप न्यूजकार्ट से जुड़े हैं)