view all

RSS मुख्यालय में प्रणब मुखर्जी LIVE: हमारी राष्ट्रीयता किसी धर्म या जाति से बंधा नहीं है-पूर्व राष्ट्रपति

अपने पिता के नागपुर जाने पर शर्मिष्ठा मुखर्जी भी नाराजगी जता चुकी हैं

FP Staff
20:40 (IST)

प्रणब मुखर्जी ने अपने भाषण का अंत जय हिंद और वंदे मातरम बोलकर किया.

20:36 (IST)

प्रणब मुखर्जी ने कहा है, जैसा गांधी जी ने बताया है भारतीय राष्ट्रीयता ना बहुत खास है और ना किसी को नुकसान पहुंचाने वाली है. पंडित नेहरू ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीयता राजनीति और धर्म से ऊपर है. यह आजादी से पहले था और आज भी यह सच है.  

20:33 (IST)

प्रणब मुखर्जी ने कहा, हमने अंग्रेजों से अपनी आजादी ली. कई राज्यों को मिलाकर हमारे राष्ट्र का निर्माण हुआ. डेमोक्रेसी कोई तोहफा नहीं बल्कि एक पवित्र चीज है.

20:30 (IST)

आधुनिक भारत की अवधारणा कई विचारकों ने दिया है. हमारी राष्ट्रीयता लंबे समय से चली आ रही विविधता की वजह से आई है. आधुनिक भारत का धारणा अलग-अलग भारतीय नेताओं से मिली हा. यह किसी एक धर्म या जाति से बंधा हुआ नहीं है.

20:29 (IST)

आधुनिक भारत की अवधारणा कई विचारकों ने दिया है. हमारी राष्ट्रीयता लंबे समय से चली आ रही विविधता की वजह से आई है. आधुनिक भारत का धारणा अलग-अलग भारतीय नेताओं से मिली हा. यह किसी एक धर्म या जाति से बंधा हुआ नहीं है.

20:27 (IST)

प्रणब मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्रीयता को किसी धर्म के प्रति सहिष्णुता से ही आएगा. हमें विवधता का सम्मान करना चाहिए.

20:24 (IST)

कई ताकतवर शासकों का यहां शासन रहा है. हमारी राष्ट्रीय पहचान धीरे-धीरे मजबूत हुई है. यहां अलग-अलग संस्कृति रही है जिससे हमारी सहिष्णुता बढ़ी है.

20:21 (IST)

करीब 1800 साल से कई भारतीय यूनिवर्सिटी छात्रों को आकर्षित करते रहे हैं. हम पूरी दुनिया को अपना परिवार मानते हैं. भारत की ताकत सहिष्णुता से आता  है. हमारा मानना है कि सदियों से जुड़ती आ रही सभ्यता से ही हमारी राषट्रीय पहचान बनी है.

20:14 (IST)

प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अलग-अलग धर्म होने के बावजूद  1648 में यहां एक ही भाषा का इस्तेमाल होता था. हर धर्म के लोग एक ही भाषा में बात करते थे. भारत का समाज खुला है और सिल्क रूट के जरिए यह दूसरे देशों से जुड़ा रहा है. कई विदेशी यात्री यहां आए और उन्होंने भारत के बारे में अपने विचार रखे हैं. इनलोगों ने यहां के प्रशासन और शिक्षा की काफी तारीफ की है.

20:12 (IST)

प्रणब मुखर्जी का लाइव भाषण यहां सुने. 

20:11 (IST)

भारत का कल्चर ट्रेड निवेश साउथ ईस्ट एशिया तक फैला है. यहां कई चीनी यात्री आए. इन सबने भारत के प्रशासकीय तरीकों के बारे में बताया है. 

20:10 (IST)

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का भाषण शुरू हो गया है. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि ​आज मैं यहां आपसे देश की राष्ट्रीयता को लेकर  अपना नजरिया बताने आया हूं. 

20:03 (IST)

मोहन भागवत अच्छी तरह जानते हैं कि उन्हें कभी ऐसा मौका नहीं मिला था जब करोड़ों भारतीय उनको देखे और उनका एक-एक शब्द सुने. लेकिन प्रणब मुखर्जी के नागपुर दौरे के विवाद के बाद लोग टीवी से चिपके हुए हैं. वह इस अवसर को खोना नहीं चाहते थे. लिहाजा उन्होंने भाषण की शुरुआत प्रणब मुखर्जी के निमंत्रण पर शुरू हुए विवाद से की. उन्होंने कहा कि यहां आने के बाद भी 'संघ संघ रहेगा और डॉक्टर मुखर्जी डॉक्टर मुखर्जी ही रहेंगे.' 

19:58 (IST)

भागवत ने कहा, विद्या प्राप्त लोग विवाद में रहते हैं, सहमति नहीं बनाते. शक्ति से दूसरों को पीड़ा देने का काम करते हैं. जबकि धन का उपयोग दान, शक्ति रक्षा के लिए और विद्या का उपयोग समाज में मान बढ़ाने के लिए करना चाहिए. 

19:54 (IST)

भागवत ने कहा,  समाज को जोड़ने वाला, समाज को उन्नत करने वाला ये जो धर्म है उसको पाने के लिए तपस्या करनी पड़ती है. सबलोग ये नहीं करते हैं. अपने विशाल जनसंख्या वाले इस देश में अपने आचरण से समाज हितैषी अाचरण वाला माहौल बनाना ही संघ की कोशिश है. 

19:50 (IST)

भागवत ने कहा, हम सब एक हैं. यह बात किसी-किसी को समझ आती है. किसी-किसी को समझ आने के बाद भी वह इस बात को नहीं मानते हैं. भारत माता का असर सबके ऊपर है. संघ समाज में सबको जोड़ता है. संघ का मकसद समाज को जोड़ना है.  

19:47 (IST)

भागवत ने कहा, संघ के संस्थापक हेडगेवार देश के लिए काम करते थे क्योंकि उन्हें अपने जीवन के लिए कुछ करने की जरूरत नहीं थी. समाज सुधारकों के साथ रहे. संत महात्माओं के साथ भी रहे. स्वाधिनता संग्राम में दो बार जेल भी गए. लेकिन इन सब के साथ उनका अपना चिंतन भी चलता रहा.

19:42 (IST)

मोहन भागवत ने कहा कि भारत विविधता का देश है. हमारे लिए कोई पराया नहीं है. हम सबकी विविधता स्वीकार करते हैं. एक ही गंतव्य के लिए अलग-अलग रास्ते या विविधता अपनाने से समृद्धता आती है. लेकिन ये दिखने वाली विविधता एक ही एकता से उपजी है. हम सब एक हैं इसका भी दर्शन समय-समय पर होना चाहिए.

19:39 (IST)

कार्यक्रम की शुरुआत संघ प्रमुख मोहन भागवत के भाषण के साथ हुआ. उन्होंने कहा कि यह हमारी परंपरा रही है कि हम किसी आदरणीय व्यक्ति को बुलाते हैं. इस बार हमारे साथ प्रणब मुखर्जी हैं. हमने उनको सहज मन से बुलाया और वो इस पर राजी हो गए. उनके निमंत्रण पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए. 

19:04 (IST)

एकतरफ नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में प्रणब मुखर्जी का कार्यक्रम चल रहा है और दूसरी तरफ कांग्रेस के ट्वीटर हैंडल से आरएसएस को निशाना बनाते हुए ट्वीट किए जा रहे हैं. 

18:59 (IST)

एकतरफ नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में प्रणब मुखर्जी का कार्यक्रम चल रहा है और दूसरी तरफ कांग्रेस के ट्वीटर हैंडल से आरएसएस को निशाना बनाते हुए ट्वीट किए जा रहे हैं. 

18:40 (IST)

आरएसएस कार्यक्रम का लाइव यहां देखें. 

18:34 (IST)

कांग्रेस की नाराजगी इस ट्वीट से समझा जा सकता है.

18:31 (IST)

मंच पर पांचों लोग पहुंच गए हैं. इनमें प्रणब मुखर्जी, मोहन भागवत, आरएसएस नागपुर के हेड राजेश लोया, वर्ग अधिकारी गजेंद्र सिंह और विदर्भ प्रांत संघ चालक रामजी हरकारे शामिल हैं. मंच पर ध्वज प्रणाम जब शुरू हुआ तब वह उस मुद्रा में नहीं आए. प्रणब मुखर्जी सिर्फ साथ खड़े रहे. 

18:31 (IST)

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने प्रणब मुखर्जी के नागपुर जाने का बचाव किया है. खुर्शीद ने कहा कि सिर्फ एक फैसले की वजह से प्रणब पर सवाल उठाना गलत है. खुर्शीद की राय बाकी कांग्रेसी नेताओं से अलग है.

18:24 (IST)

आरएसएस का तृतीय वर्ष 14 मई 2018 को नागपुर में आरंभ हुआ और उसमें 707 शिक्षार्थियों ने अपना प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा किया. नागपुर में संघ के तृतीय वर्ष वर्ग में व्यवस्थित प्रशिक्षण के लिए 96 शिक्षक, 39 प्रांत प्रमुख एवं 120 प्रबंधक दिनरात कार्यरत रहे. 

18:16 (IST)

कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट किया कि प्रणब मुखर्जी ने नागपुर में आरएसएस मुख्यालय जाकर लाखों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को निराश किया है. 

18:04 (IST)

नागपुर से जो तस्वीरें आ रही हैं, उससे सबसे ज्यादा दुख राहुल गांधी को होगा. प्रणब मुखर्जी ने विजिटर बुक में आरएसएस के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार को भारत माता का महान पुत्र बताया, जिससे राहुल गांधी को कुछ ज्यादा ही दुख होगा. हेडगेवार को लेकर कांग्रेस के नकारात्मक विचार किसी से छिपा नहीं है. लेकिन प्रणब मुखर्जी ने अपनी कलम से उन सबको मिटा दिया है.  

17:54 (IST)

17:52 (IST)

आरएसएस के समारोह के दौरान मंच पर 5 लोग होंगे. इन पांच लोगों में प्रणब मुखर्जी, मोहन भागवत, आरएसएस नागपुर के हेड राजेश लोया, वर्ग अधिकारी गजेंद्र सिंह और विदर्भ प्रांत संघ चालक रामजी हरकारे शामिल होंगे. 

अपडेट 7: मुखर्जी ने कहा, आधुनिक भारत की अवधारणा कई विचारकों ने दिया है. हमारी राष्ट्रीयता लंबे समय से चली आ रही विविधता की वजह से आई है. आधुनिक भारत का धारणा अलग-अलग भारतीय नेताओं से मिली हा. यह किसी एक धर्म या जाति से बंधा हुआ नहीं है.

अपडेट 6: प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अलग-अलग धर्म होने के बावजूद  1648 में यहां एक ही भाषा का इस्तेमाल होता था. हर धर्म के लोग एक ही भाषा में बात करते थे. भारत का समाज खुला है और सिल्क रूट के जरिए यह दूसरे देशों से जुड़ा रहा है. कई विदेशी यात्री यहां आए और उन्होंने भारत के बारे में अपने विचार रखे हैं. इनलोगों ने यहां के प्रशासन और शिक्षा की काफी तारीफ की है.


अपडेट 6: भागवत ने कहा, संघ के संस्थापक हेडगेवार देश के लिए काम करते थे क्योंकि उन्हें अपने जीवन के लिए कुछ करने की जरूरत नहीं थी. समाज सुधारकों के साथ रहे. संत महात्माओं के साथ भी रहे. स्वाधिनता संग्राम में दो बार जेल भी गए. लेकिन इन सब के साथ उनका अपना चिंतन भी चलता रहा.

अपडेट 5: मोहन भागवत ने कहा कि भारत विविधता का देश है. हमारे लिए कोई पराया नहीं है. हम सबकी विविधता स्वीकार करते हैं. एक ही गंतव्य के लिए अलग-अलग रास्ते या विविधता अपनाने से समृद्धता आती है. लेकिन ये दिखने वाली विविधता एक ही एकता से उपजी है. हम सब एक हैं इसका भी दर्शन समय-समय पर होना चाहिए.

अपडेट 4: एकतरफ नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में प्रणब मुखर्जी का कार्यक्रम चल रहा है और दूसरी तरफ कांग्रेस के ट्वीटर हैंडल से आरएसएस को निशाना बनाते हुए ट्वीट किए जा रहे हैं.

अपडेट 3: आरएसएस के समारोह के दौरान मंच पर 5 लोग होंगे. इन पांच लोगों में प्रणब मुखर्जी, मोहन भागवत, आरएसएस नागपुर के हेड राजेश लोया, वर्ग अधिकारी गजेंद्र सिंह और विदर्भ प्रांत संघ चालक रामजी हरकारे शामिल होंगे.

अपडेट 2: #RSSTritiyaVarsh आरएसएस तृतीय वर्ष वर्ग का आयोजन हर साल नागपुर में किया जाता है. इसके लिए 25 दिनों की सख्त ट्रेनिंग के बाद देश भर से लोगों का चयन किया जाता है. इन सभी प्रतिभागियों का अपना खर्च खुद उठाना पड़ता है.

अपडेट 1: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में शामिल होने मुख्यालय पर पहुंच गए हैं.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने नागपुर पहुंच गए हैं. मुखर्जी ने जब से यह निमंत्रण स्वीकार किया है तब से वह विवादों में बने हुए हैं. प्रणब मुखर्जी अपने पूरे राजनीतिक जिंदगी में कांग्रेसी रहे हैं. लेकिन अब वह आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं, जिससे इस समारोह की चर्चा हर तरफ हो रही है. मुखर्जी संघ शिक्षा वर्ग (तृतीय वर्ष वर्ग) पूरा होने के समारोह में शामिल हो रहे हैं.

अपने पिता के नागपुर जाने पर शर्मिष्ठा मुखर्जी भी नाराजगी जता चुकी हैं. इससे पहले बुधवार को यह खबर आई थी कि शर्मिष्ठा मुखर्जी बीजेपी ज्वाइन कर रही हैं. हालांकि उन्होंने पहले ट्वीट करके इस खबर का खंडन किया. उसके बाद दो और ट्वीट किए जिसमें उन्होंने लिखा, 'आज की इस घटना से पता चलता है कि बीजेपी कैसे डर्टी ट्रिक्स आजमा रही है.'