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चुनाव लड़ने के लिए देनी होगी सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी

निर्वाचन नियमावली 1961 के तहत उम्मीदवार द्वारा भरे जाने वाले फॉर्म 26 में सोशल मीडिया संबंधी जानकारी का कॉलम जोड़ा गया है

Bhasha

केंद्र सरकार ने चुनाव प्रक्रिया में सुधार के लिए कुछ नियमों में बदलाव किया है. इसके तहत अब चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को फेसबुक, ट्विटर सहित सोशल मीडिया पर एक्टिव सभी अकाउंट्स की जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी.

चुनाव आयोग की सलाह पर केंद्रीय कानून मंत्रालय ने नॉमिनेशन की संशोधित नियमावली में विभिन्न प्रकार के नॉमिनेशन फॉर्म में कुछ सवालों को जोड़ते हुए अब इस तरह की जानकारी को अनिवार्य कर दिया है.


मंत्रालय ने जनप्रतिनिधित्व कानून के अंतर्गत निर्वाचन नियमावली 1961 में संशोधन करते हुए उम्मीदवारों के लिए जोड़े गए नए सवालों में लाभ के पद पर कभी तैनात रहने और आपराधिक या वित्तीय आपराधिक मामलों की जानकारी देने की अनिवार्यता को शामिल कर दिया है.

मंत्रालय द्वारा नए नियमों को लागू करने की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है. इसके तहत निर्वाचन नियमावली 1961 के तहत उम्मीदवार द्वारा भरे जाने वाले फॉर्म 26 में सोशल मीडिया संबंधी जानकारी का कॉलम जोड़ा गया है.

विदेशी संपर्क भी बताना होगा

इसमें उम्मीदवारों को अपने टेलीफोन नंबर और ईमेल आईडी के अलावा अधिकतम तीन सोशल मीडिया अकांउट की जानकरी देनी होगी. इसमें ट्विटर हेंडिल, फेसबुक आईडी और इंस्टाग्राम या कोई अन्य सोशल मीडिया अकांउट की आईडी दी जा सकेगी.

फॉर्म 26 में ही उम्मीदवार को अपनी और जीवनसाथी की आय के स्रोतों का भी खुलासा करना होगा.

नामांकन के लिए भरे जाने वाले फॉर्म 2ए में आठ सवाल जोड़े गए है. इनमें उम्मीदवारों को राज्य या केंद्र सरकार में लाभ के पद पर तैनाती होने पर इसकी विस्तृत जानकारी देनी होगी.

साथ ही उसे यह भी बताना होगा कि क्या कभी किसी कोर्ट में उसके खिलाफ दिवालिया होने का आरोप लगा था, यदि हां तो वह इससे कब आरोपमुक्त किया गया.

इस फॉर्म में उम्मीदवारों को किसी अन्य देश के साथ अपने कूटनीतिक, राजनयिक और वित्तीय संबंधों का स्पष्ट खुलासा करना होगा.