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चारा घोटाला: झारखंड HC से लालू को नहीं मिली जमानत

1992-93 में फर्जी निकासी का यह मामला है. उस वक्त लालू यादव अविभाजित बिहार राज्य के मुख्यमंत्री थे

FP Staff

चारा घोटाला मामले में रांची की एक जेल में सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की जमानत याचिका शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट ने ठुकरा दी. देवघर ट्रेजरी केस में लालू यादव को सीबीआई कोर्ट ने साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है.

तीन केस में तीन सजा

-सीबीआई की सजा के खिलाफ लालू यादव ने झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

-आरजेडी सुप्रीमो रांची के बिरसा मुंडा जेल में 23 दिसंबर, 2017 से जेल में हैं. मामला देवघर ट्रेजरी से 89.27 लाख रुपए निकालने का है जिसे चारा घोटाले का नाम दिया गया.

-लालू यादव चारा घोटाले के तीन केस में दोषी करार दिए जा चुके हैं. 2013, 2017 और 2018 के फैसले में उन्हें क्रमशः 5 साल, साढ़े तीन साल और 5 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है.

-पहली बार दोषी करार दिए जाने के बाद लालू को 30 सितंबर, 2013 को लोकसभा से अयोग्य करार दिया गया और चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई.

-आरजेडी सुप्रीमो पर अभी भी दो मामलों में मुकदमा चल रहा है.

क्या है मामला?

- 1992-93 में फर्जी निकासी का यह मामला है. उस वक्त लालू यादव अविभाजित बिहार राज्य के मुख्यमंत्री थे.

- कांड संख्या RC-68 A/96 के तहत मामला दर्ज हुआ है. 1996 में सीबीआई ने 79 लोगों को आरोपी बनाया. वर्ष 2001 में लालू समेत 56 आरोपियों के खिलाफ इस मामले में चार्जशीट दाखिल हुआ.

- ट्रायल फेस करने वालों में लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा समेत 6 नेता, तीन आइएएस अधिकारी, पशुपालन और ट्रेजरी के 7 अधिकारी और 40 सप्लायर शामिल हैं.

- इस मामले में सुनवाई के दौरान 14 आरोपियों की मौत हो चुकी है. मृतकों में चारा घोटाले का सूत्रधार श्याम बिहारी सिन्हा सहित पशुपालन विभाग के चार अधिकारी, दो बजट पदाधिकारी, दो पूर्व मंत्री, एक आईएएस, एक पूर्व सांसद और पांच सप्लायर शामिल हैं.

- दो अभियुक्तों प्रमोद कुमार जायसवाल और सुशील कुमार झा ने इस मामले में अपना अपराध स्वीकार कर लिया है. वहीं दीपेश चांडक, आर के दास और शैलेष सिंह सरकारी गवाह बन चुके हैं. इस मामले में एक आरोपी फूल सिंह अब तक फरार है.