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पंजाब के मंत्रियों ने फुल्का की धमकी को बताया ‘न्याय को बाधित करने का प्रयास’

शिरोमणी अकाली दल ने फुल्का की चेतावनी को सियासी फायदा लेने के लिए की गई राजनीतिक नौटंकी करार दिया

Bhasha

पंजाब सरकार के पांच वरिष्ठ मंत्रियों ने कोटकपुरा और बेहबल कलां में पुलिस फायरिंग मामले में आप नेता एचएस फुल्का सिंह कि मांगों को न्याय प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास बताया है. दरअसल फुल्का सिंह ने कोटकपुरा और बेहबल कलां में पुलिस फायरिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और सेवानिवृत्त डीजीपी एसएस सैनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी. ऐसा न होने की स्थिति में उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा देने की धमकी दी है.

फुल्का ने शनिवार को कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा, नवजोत सिंह सिद्धु, चरनजीत सिंह चन्न, मनप्रीत सिंह बादल और तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा को 15 दिन की चेतावनी देते हुए कहा था कि वे बादल और सैनी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराएं. इस पर मंत्रियों ने कहा, ‘विधायक पद छोड़ने की उनकी धमकी न्याय की प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास है.’ उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक राजनीति में इस तरह का कृत्य किसी वरिष्ठ नेता को शोभा नहीं देता.


मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि सरकार बेअदबी मामले में कानूनी प्रक्रिया के तहत जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजीत सिंह आयोग द्वारा त्वरित और व्यापक जांच के बाद दोषी ठहराए गए लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें दंड दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है. इस बीच शिरोमणी अकाली दल ने फुल्का की चेतावनी को सियासी फायदा लेने के लिए की गई राजनीतिक नौटंकी करार दिया.