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असमः ममता बनर्जी के खिलाफ FIR, NRC पर दिया था ये बयान

एफआईआर के बाद तृणमूल ने कहा कि यदि बीजेपी और असम सरकार सोचती है कि वे टीएमसी और ममता को मुसलमानों के हितों की लड़ाई लड़ने से रोक सकती हैं तो वे खयाली दुनिया में हैं

FP Staff

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) से संबंधित बयान देने को लेकर तृणमूल कांग्रेस नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ असम में एफआईआर दर्ज हुई है.

दरअसल, ममता ने आरोप लगाया था कि असम में एनआरसी को अपडेट किए जाने के साथ वहां से बंगालियों को बाहर निकालने के लिए केंद्र सरकार और असम की सरकार साजिश रच रही है.


पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है. पार्टी ने कहा कि ऐसी कोई कार्रवाई उन्हें बंगालियों के हितों की लड़ाई लड़ने से नहीं रोकेगी, जबकि बीजेपी ने ममता पर राजनीतिक फायदे के लिए इस विषय को एक मुद्दा बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

ममता को मुसलमानों के हितों की लड़ाई लड़ने से कोई नहीं रोक सकता

तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि यदि बीजेपी और असम सरकार सोचती है कि वे तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी को मुसलमानों के हितों की लड़ाई लड़ने से रोक सकती हैं तो वे खयाली दुनिया में हैं.

पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री चटर्जी ने कहा कि ऐसे पुलिस मामले और प्राथमिकियां ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस को बंगालियों के हितों की लड़ाई लड़ने से रोक नहीं पाएंगी. हमने असम से बंगालियों को खदेड़ने की ऐसी तरकीबें देख चुके हैं. यदि बंगाली खतरे में होंगे तो ममता बनर्जी और तृणमूल चुप नहीं बैठेंगी.

ममता ने दिया था एनआरसी को लेकर बयान

दरअसल, ममता ने एक सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार पर एनआरसी के पहले मसौदे से बंगालियों के नाम हटाकर उन्हें असम से बाहर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था. पहले मसौदे का प्रकाशन 31 दिसंबर, 2017 को किया गया.

उन्होंने कहा था कि मैं केंद्र की बीजेपी सरकार को आग से नहीं खेलने की चेतावनी देती हूं. यह करीब 1. 80 करोड़ लोगों को राज्य से खदेड़ने की केंद्र सरकार की साजिश है.

असम सरकार और बीजेपी ने ममता के इस बयान की कड़ी निंदा की थी. पश्चिम बंगाल बीजेपी ने कहा था कि निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए ‘एक बिना महत्व की बात को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है.’ पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व पर पश्चिम बंगाल को ‘जिहादियों की पनाहगाह’ बनाने का भी आरोप लगाया.

लोगों के बीच शत्रुता पैदा करने और सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश का केस दर्ज

गुवाहाटी पुलिस के उपायुक्त (मध्य) रंजन भुइयां ने बताया कि लतासिल थाने को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के एक कथित भाषण के संदर्भ में शिकायत मिली है. हमने शिकायत दर्ज कर ली है ओर नियमों के अनुरूप जांच करेंगे. उन्होंने बताया कि गुवाहाटी हाईकोर्ट के वकील तैलेंद्र नाथ दास ने शिकायत की और पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (ए) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है.

आईपीसी की यह धारा धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, निवास और भाषा के नाम पर लोगों के बीच शत्रुता पैदा करने और सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश से संबंधित है. दास ने ममता पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का भी आरोप लगाया है क्योंकि एनआरसी का काम सुप्रीम कोर्ट की प्रत्यक्ष निगरानी में हो रहा है.

( इनपुट भाषा से )