view all

पशु वध पर जेटली ने तोड़ी चुप्पी, कहा राज्यों के कानून से कोई लेना देना नहीं

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा 'पशु बाजार किसानों के लिए होते हैं, व्यापारियों के लिए नहीं'

Bhasha

केंद्र सरकार ने पशु वध पर काबू पाने के लिए अवैध पशुओं के वध पर रोक लगाई है. देश के तमाम लोग इस कानून का विरोधी भी कर रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार के कानून का राज्यों के कानून से कोई लेनादेना नहीं है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पशु बाजारों से काटने के लिए मवेशियों की बिक्री और खरीद पर केंद्र सरकार की रोक का राज्यों के कानूनों से कोई लेनादेना नहीं है.


जेटली ने कहा कि पशु बाजार किसानों के लिए होते हैं, व्यापारियों के लिए नहीं. उन्होंने कहा, ‘अधिसूचना का केवल यही प्रभाव है.’ पर्यावरण मंत्रालय ने पिछले हफ्ते पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत ‘पशु क्रूरता रोकथाम नियम, 2017’ को अधिसूचित किया था.

जेटली ने कहा कि मौजूदा कानून सतत बने हुए हैं और अधिसूचना का पशुवध से संबंधित राज्य के विधेयकों से कोई लेनादेना नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘हर राज्य के अपने कानून हैं या नहीं हैं. संविधान के अनुच्छेद 48 में प्रावधान है जो कहता है कि कुछ श्रेणी में पशुओं का संरक्षण करना होगा.’

संविधान के अनुच्छेद 48 में अंकित गौहत्या की पाबंदी प्रवर्तनीय अनुच्छेद नहीं है, बल्कि सरकारी नीति का दिशानिर्देशक सिद्धांत है और यह कहता है कि राज्यों को गोकशी रोकने के लिए कानून बनाने होंगे.