वित्तमंत्री अरूण जेटली ने देश में आम चुनाव से पहले बीजेपी के विरोध में गठबंधन की कोशिशों को 'कॉल्यूशन ऑफ राइवल्स यानी विरोधियों का गठबंधन' करार दिया है. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी ऐसी कोशिशें हुईं, लेकिन ये सफल नहीं हुईं.
वित्तमंत्री ने शुक्रवार को 'जागरण फोरम' में यह बात कही. उन्होंने कहा कि पहले भी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, एच डी देवगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल सरकार के समय इस तरह के गठबंधन का प्रयोग हुआ था, जो पूरी तरह असफल साबित हुआ. इसलिए अवसरवादिता की राजनीति देश के लिए खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती है. जेटली ने नारेबाजी की राजनीति के लिए कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, '70 के दशक में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार के दौरान विकास दर काफी धीमी रही और गरीबी भी काफी अधिक रही.'
जेटली ने कहा कि इंदिरा गांधी ने नारा दिया था 'गरीबी हटाओ' और उन्होंने इसके लिए 20 सूत्रीय कार्यक्रम चलाया, लेकिन उस समय महंगाई दर 24 प्रतिशत थी. कांग्रेसी जिसे सबसे महान नेता मानते हैं उनके शासन में महंगाई दर इतनी ज्यादा थी. यूपीए-2 में भी महंगाई दर दस प्रतिशत के आसपास थी, लेकिन आज यह मात्र तीन-चार प्रतिशत है.'
जेटली ने कृषि कर्ज माफी की लोकलुभावन नीति के बारे में पूछे जाने पर पंजाब का उदाहरण दिया जो इसी तरह की नीतियों के चलते आज वित्तीय रूप से खस्ताहाल है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार ने किसानों को बिजली पानी और सड़क की सुविधाएं दी जिससे राज्य की कृषि वृद्धि दर 15 से 20 प्रतिशत रही.