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लालू यादव बीजेपी की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं!

लालू यादव अपने पूरे परिवार को घिरता देख बीजेपी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं

Amitesh

बिहार में महागठबंधन के भीतर तकरार राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बढ़ गई थी. अब सबकी तरफ से घर में लगी आग पर पानी डालने की कोशिश हो रही है. लेकिन, अंदर खाने गठबंधन के भीतर एक दूसरे को पछाड़ने की रणनीति भी बन रही है. लालू-नीतीश के बीच फोन पर बातचीत के बाद भी एक-दूसरे पर भरोसा नहीं दिख रहा है.

इन दिनों राजनीतिक गलियारों में चर्चा इस बात को लेकर चल रही है कि लालू-नीतीश के भीतर का ये अविश्वास बीजेपी के दरवाजे पर दस्तक देने लगा है. चर्चा इस बात की है कि महागठबंधन में चल रही खटास के बीच आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने दिल्ली में बीजेपी नेताओं को कुछ संदेश देने की कोशिश की है. लालू बीजेपी को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि दोनों के राजनीतिक दुश्मन तो नीतीश ही हैं.


दो साल पहले से लगे हुए हैं लालू

सूत्रों के मुताबिक, करीब दो साल पहले अपनी बेटी की शादी का इंविटेशन कार्ड देते के वक्त भी जब लालू की दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मुलाकात होती थी तो लालू अपने अंदाज में ऐसा कहने से नहीं चूकते थे.

सूत्रों के मुताबिक, लालू ने कुछ महीने पहले बिहार के कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के घर पर मुलाकात के दौरान ये संकेत दिया था. लालू ने कहा था कि आखिर कब तक नीतीश के साथ ऐसे चलेंगे.

मौजूदा दौर में जब नीतीश कुमार के साथ उनकी तल्खी बढ़ गई है तो फिर इस दौरान उनकी पहले की बातें एक बार फिर से सियासी फिजा में दौड़ने में लगी हैं.

पूरा परिवार है घिरा हुआ तो कैसे ना घबराएं लालू

दरअसल, लालू यादव के बेटे के साथ-साथ उनकी बड़ी बेटी और दामाद के उपर भी इनकम टैक्स की तरफ से कारवाई की जा रही है. इनकम टैक्स ने बेनामी संपत्ति के मामले में 175 करोड़ की 14 बेनामी संपत्तियों को अटैच भी कर दिया है.

भ्रष्टाचार के इन मामलों में लालू यादव के परिवार के लोग फिलहाल फंसते नजर आ रहे हैं. लालू को इसी बात का डर सता रहा है और वो छटपटाहट में अपने राजनीतिक वारिस को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

लालू यादव ने अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को बिहार का उप-मुख्यमंत्री बनाकर साफ कर दिया है कि उनका राजनीतिक वारिस तो वही हैं. लेकिन, इनकम टैक्स की तरफ से की जा रही कारवाई के बाद लालू को डर सता रहा है कि कहीं उनके राजनीतिक वारिस तेजस्वी का करियर चौपट ना हो जाए.

नीतीश कुमार का बीजेपी से लगाव है डर का कारण

बीजेपी और बिहार में उसके सहयोगी दलों के नेता भी इस तरह की मुलाकात और चर्चाओं से इनकार नहीं कर रहे हैं. उनकी तरफ से तो यहां तक कहा जा रहा है कि लालू यादव का नीतीश कुमार को लेकर ये रवैया कोई नया नहीं है.

लेकिन, अब जबकि बीजेपी बिहार में सत्ता से बाहर है और नीतीश कुमार कई मौकों पर बीजेपी के साथ खड़े होते दिख रहे हैं तो लगता है लालू फिर डर गए हैं.

डर इस बात का है कि कहीं नीतीश एक बार फिर बीजेपी के समर्थन से बिहार में सरकार ना बना लें. डर ये भी है कि उनके बेटे और परिवार के बाकी लोगों के उपर इनकम टैक्स की कारवाई उन्हें सलाखों के पीछे ना पहुंचा दे. तभी लालू वो हर रास्ते तलाश रहे हैं जहां से उन्हें थोड़ी राहत मिल जाए.