मध्य प्रदेश से ईवीएम में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. मामले के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर कड़ा ऐतराज जताते हुए इसकी जांच कराए जाने की मांग की.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि, यह कोई आम गड़बड़ी नहीं है और इसकी उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए.
शनिवार को ही दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर चुनाव आयोग पहुंचे. उन्होंने कहा कि, 'मशीनों में गड़बड़ है. उसके भीतर छेड़छाड़ की गई है. ईवीएम पर चुनाव आयोग गलत कह रहा है. मशीन का सॉफ्टफेयर बदला गया है.'
केजरीवाल ने कहा कि देश में दोबारा बैलेट पेपर से वोटिंग हो. जांच होनी चाहिए. देश के साथ धोखा हो रहा है. केजरीवाल ने कहा कि इस तरह से सिर्फ बीजेपी को वोट जाएंगे और ईवीएम के कीचड़ से कमल निकलेगा.
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस मसले पर ट्वीट किया है.
कांग्रेस को भी है ऐतराज
कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से मुलाकात की. पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे शुरू से ही ईवीएम पर भरोसा नहीं रहा है. जब पूरी दुनिया में बैलेट पेपर से चुनाव हो रहा है, फिर हमें इस पर ऐतराज क्यों है.
क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में विधानसभा उप-चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचीं मुख्य निर्वाचन अधिकारी सलीना सिंह ने शुक्रवार को व्हीव्हीपीएटी (वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल) के डेमो के लिए दो अलग-अलग बटन दबाए तो कमल के फूल की पर्ची निकली.
चुनाव आयोग ने जिला मतदान अधिकारी से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है.
कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा जा रहा है कि ऐसा होने पर जब पत्रकारों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी सलीना सिंह से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि छापना मत, नहीं तो थाने में बैठाउंगी.