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2019 चुनाव: 'प्रधानमंत्री मोदी के फिर से चुने जाने की संभावना 50 प्रतिशत'

रूचिर शर्मा ने कहा कि 2014 के आम चुनावों में बीजेपी ने 31 प्रतिशत वोट के साथ जीत हासिल की थी, क्योंकि उस वक्त विपक्ष बिखरा हुआ था

Bhasha

आर्थिक विश्लेषक रूचिर शर्मा का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिर से चुने जाने की संभावना 2017 में ‘99 प्रतिशत’ से घटकर 2019 में ‘50 प्रतिशत’ हो गई है. यह स्थिति बिखरे हुए विपक्ष के एकजुट होने के कारण भी दिखाई दे रही है.

न्यूयार्क में रहने वाले अर्थशास्त्री और आने वाली किताब ‘डेमोक्रेसी ऑन रोड’ पर काम कर रहे रूचिर शर्मा ने कहा कि 2014 के आम चुनावों में बीजेपी ने 31 प्रतिशत वोट के साथ जीत हासिल की थी, क्योंकि उस वक्त विपक्ष बिखरा हुआ था. उस वक्त सीटों का बंटवारा असंगत था और उनका वोट केंद्रित था. उन्होंने कहा, ‘2019 के चुनाव महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं.’


विपक्ष के गठबंधन से पड़ा असर

शर्मा ने कि हालांकि इसमें नाटकीय रूप से परिवर्तन आया है. अब यह चुनाव 50...50 रह गया है और यह सब गठबंधन की संभावनाओं के कारण हुआ है. पूरी तरह से बिखरा हुए विपक्ष के साथ आने के संकेत दिखाई दे रहे है.

शर्मा की नई किताब 2019 के चुनावों के पहले फरवरी में बाजार में आने की उम्मीद है.

अटल बिहारी वाजपेयी के समय भी कुछ ऐसा ही हुआ था

शर्मा ने कहा, ‘वाजपेयी के समय में भी जब विपक्ष एकजुट हो गया था तो यही सवाल पूछा गया था कि ‘अगर वाजपेयी नहीं तो पीएम कौन बनेगा ..... और अचानक से एक व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना दिया गया .’

2004 में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए ने हार स्वीकार कर ली थी और कांग्रेस सत्ता में आई थी जहां मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया था.

उत्तर प्रदेश को लघु भारत की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि यहां 80 सीटें हैं और यदि बीएसपी और एसपी के बीच गठबंधन हो जाता है तो वे चुनाव में बाजी मार लेंगे नहीं तो सत्ता बीजेपी के पाले में जाएगी.