view all

तेलंगाना में ‘किंगमेकर’ बनने की तैयारी में बीजेपी, युवा मोर्चा के महाधिवेशन से चुनावी अभियान को मिलेगी धार

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपनी सत्ता बरकरार रखने की जद्दोजहद कर रही है, लेकिन, मिजोरम और तेलंगाना को भी पार्टी ने उतनी ही गंभीरता से लिया है.

Amitesh

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपनी सत्ता बरकरार रखने की जद्दोजहद कर रही है, लेकिन, मिजोरम और तेलंगाना को भी पार्टी ने उतनी ही गंभीरता से लिया है. दक्षिण भारत में अपना पैर जमाने की कोशिश में लगी बीजेपी के लिए तेलंगाना में मौजूदगी का एहसास कराना बड़ी चुनौती है. पार्टी को पता है कि अगर दक्षिण भारत में पार्टी का परचम लोकसभा चुनाव में लहराना है, तो उसके पहले तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अपनी धमक का एहसास कराना होगा.

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी का लक्ष्य तेलंगाना विधानसभा चुनाव में इतनी सीटें जीतना है जिसके दम पर वो राज्य में सरकार बनाते वक्त किंगमेकर की भूमिका में आ जाए. 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा में बहुमत के लिए 60 सीटों की जरूरत है. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में टीआरएस ने वक्त से पहले चुनाव कराने का फैसला कर एंटीइंकंबेंसी फैक्टर को कम कर फिर से सरकार बनाने की एक कोशिश की है.


तेलंगाना में किंगमेकर बनेगी बीजेपी ?

लेकिन, राज्य में विरोधी कांग्रेस की अगुआई में टीडीपी और लेफ्ट पार्टियों के अलावा और छोटे दलों का गठबंधन भी बना है जो कि टीआरएस को चुनौती देने में लगा है. बीजेपी को यहीं अपने लिए स्पेस दिख रहा है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अगर टीआरएस बडी पार्टी होने के बावजूद बहुमत से कुछ सीटें कम पाई तो फिर बीजेपी का साथ उसे मिल सकता है. इस हालात में बीजेपी टीआरएस को समर्थन देकर किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है.

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा मानते हैं, ‘तेलंगाना में इस बार हम हंग एसेंबली की उम्मीद कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी की भूमिका बड़ी होगी.’

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने अपने लिए 20 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. अभी तेलंगाना में पार्टी के 5 विधायक हैं. लेकिन, अब पार्टी ने इस संख्या को बढ़ाने पर अपना पूरा फोकस कर रखा है. पार्टी की तरफ से तेंलगाना को लेकर बन रहे समीकरण और वहां चुनावी मोमेंट्म को धार देने के लिए ही हैदराबाद में बीजेपी युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है, जिसके बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह एक बड़ी रैली को संबोधित करने वाले हैं.

अमित शाह की रैली से मिलेगी कैंपेन को रफ्तार !

26 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक चलने वाले इस अधिवेशन का नाम दिया गया है ‘विजय लक्ष्य युवा महाधिवेशन.’तीन दिन का यह महाधिवेशन हैदराबाद में होगा, जिसमें बीजेपी युवा मोर्चा के देशभर के 72000 कार्यकर्ता शिरकत करेंगे. इनमें देश भर के युवा मोर्चा के पदाधिकारियों के अलावा मंडल स्तर तक के युवा मोर्चा के पदाधिकारियों को बुलाया गया है.

26 अक्टूबर को अधिवेशन की शुरुआत गृह मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे जबकि समापन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह करने वाले हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समापन के बाद हैदराबाद परेड ग्राउंड में एक बड़ी रैली को भी संबोधित करने वाले हैं, जिसे तेलंगाना की बीजेपी युवा मोर्चा ने आयोजित किया है. इस रैली से बीजेपी तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अपने कैंपेन का आगाज भी कर देगी.

महाधिवेशन में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और कई केंद्रीय मंत्रियों के अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारी भी शिरकत करने वाले हैं. बीजेपी युवा मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम महाजन ने कहा, ‘तीन दिनों के अधिवेशन के दौरान मौजूदा राजनीतिक मसलों को लेकर राजनीतिक प्रस्ताव भी पास किया जाएगा.’

युवाओं पर बीजेपी की नजर

दरअसल, बीजेपी की पहले से ही कोशिश युवाओं को अपने साथ लाने की रही है. पार्टी ने पहले से ही नए वोटर को अपने साथ जोड़ने के लिए ‘मिलेनियम वोटर ड्राइव’ नाम से अभियान शुरू किया है. इस अभियान में उन युवा मतदाताओं को वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए अभियान चलाया गया है जिनका जन्म साल 2000 में हुआ है. 2018 में इनकी उम्र 18 साल की हो गई है. इस तरह वोटर रजिस्ट्रेशन कार्यक्रम के तहत बीजेपी की कोशिश करीब 25 लाख नए वोटर को अपने साथ जोड़ना है.

बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर पहले से ही ‘वन बूथ, टेन यूथ’ नाम से कार्यक्रम चलाया है. देशभर में लगभग दस लाख पोलिंग बूथ हैं. बीजेपी की कोशिश हर बूथ पर दस युवाओं को तैनात करने की है. बूथ मैनेजमेंट के माहिर खिलाड़ी अमित शाह भी इस बात को समझते हैं कि घर से पोलिंग बूथ पर मतदाताओं को लाने का काम यूथ ही करता है, लिहाजा बूथ मैनेजमेंट की जिम्मेदारी में युवाओं को पूरा स्थान दिया जा रहा है. हालांकि ऐसा करते वक्त उन दस युवाओं में समाज के हर वर्ग के लोगों को शामिल किया जा रहा है जिससे बूथ मैनेजमेंट और बेहतर हो सके. अब हैदराबाद के महाधिवेशन से बीजेपी न केवल तेलंगाना बल्कि 2019 की बड़ी लड़ाई को लक्ष्य बनाकर युवा मोर्चा को नई धार देने की कोशिश में है.