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गोरखपुर की हार के बाद 2019 में बीजेपी को हराना आसान है: अखिलेश

परिवारवाद के आरोपों को खत्म करने के लिए डिंपल यादव कन्नौज से चुनाव नहीं लड़ेंगी

Bhasha

गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव की पृष्ठभूमि में समाजवादी पार्टी (एसपी) अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इन चुनावों ने पूरे देश को एक संदेश दिया है कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हरा पाना संभव है.

अखिलेश ने ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा कि मैं उपचुनाव में एसपी को मिली जीत को बहुत बड़ी मानता हूं, क्‍योंकि उनमें से एक सीट मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और दूसरी सीट उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने छोड़ी थी. जो लोग (योगी) देश भर में घूम-घूमकर भाजपा के लिये प्रचार कर रहे थे, वे अपनी ही सीट नहीं बचा सके. इससे पूरे देश में संदेश गया है और कार्यकर्ताओं और आम लोगों के बीच यह विश्‍वास जागा है कि अगर भाजपा को उसके गढ़ में पराजित किया जा सकता है तो कहीं भी हराया जा सकता है.


मायावती को दिया धन्यवाद

वहीं राज्‍यसभा चुनाव में एसपी के समर्थन वाले बएसपी प्रत्‍याशी की पराजय के बारे में अखिलेश ने कहा कि सत्‍ता और धनबल का दुरुयोग तो भाजपा का चरित्र है. राज्‍यसभा चुनाव में यह फिर उजागर हो गया. चुनाव में एक दलित उम्‍मीदवार के खिलाफ भाजपा की साजिश की वजह से अगले चुनावों के लिए एसपी और बएसपी का गठबंधन और मजबूत हुआ है. मैं मायावती जी को धन्‍यवाद देता हूं.

लोकसभा चुनाव के लिए गांव-गांव जाकर लोगों से बात करेंगे एसपी कार्यकर्ता

इसके अलावा आगामी लोकसभा चुनाव के लिये एसपी की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर पार्टी अध्‍यक्ष ने कहा कि बूथ स्‍तर पर मजबूत प्रबन्‍धन करने के अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे गांव-गांव जाकर आम लोगों से संवाद स्‍थापित करें. उन्‍होंने कहा “मैं खुद, हमारे नेता और हमारे कार्यकर्ता सभी जगह पहुंचेंगे. वे उन्‍हें मेरे मुख्‍यमंत्रित्‍वकाल में शुरू कराये गये जनकल्‍याणकारी कार्यों के बारे में याद दिलाएंगे और मौजूदा भाजपा सरकार की उससे तुलना करने को कहेंगे. भाजपा ने अनेक वादे किये लेकिन उनमें से एक को भी पूरा नहीं किया. लोगों में भाजपा के प्रति गुस्‍सा है और उपचुनावों में वही नाराजगी सामने आ गयी.”

अखिलेश ने दोहराया कि कन्‍नौज से सांसद उनकी पत्‍नी डिंपल यादव आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, क्‍योंकि उनके खानदान पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता है. हालांकि उन्‍होंने पलटवार करते हुए कहा कि राजनाथ सिंह, कल्‍याण सिंह, रमन सिंह, शिवराज सिंह चौहान जैसे भाजपा नेता परिवारवाद चला रहे हैं. उनके परिवार के लोग राजनीति में हैं. मेरी पत्‍नी चुनाव नहीं लड़ेंगी. ऐसे में इन भाजपा नेताओं को भी उदाहरण पेश करना चाहिये. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, और केवल आरोप लगाते हैं, तो मैं भी अपना मन बदल सकता हूं.

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के लिये कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि चुनाव नजदीक आने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है. कांग्रेस के साथ उनके अच्‍छे रिश्‍ते हैं और आगे भी रहेंगे. एसपी अध्‍यक्ष ने ‘ईद नहीं मनाने’ संबंधी मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के हाल के बयान को असंवैधानिक करार दिया और आरोप लगाया कि भाजपा साम्‍प्रदायिक भावनाएं भड़काती है.