राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज़म खान को एसपी विधायक दल का नेता मनोनीत नहीं किये जाने को बीजेपी के दबाव में उठाया गया कदम करार दिया है.
आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने लखनऊ में कहा कि आज़म खान को एसपी विधायक दल का नेता नहीं बनाया जाना बीजेपी के दबाव में उठाया गया कदम है. सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता होने के नाते वह विपक्ष के नेता भी होते.
अगर आज़म खान को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाता तो ना ही उनका सरकारी आवास खाली होता और न ही उनके जौहर विश्वविद्यालय पर कोई उंगली उठ पाती. यही कारण है कि बीजेपी ने मुलायम सिंह पर दबाव बनाकर आज़म खान का रास्ता रोक दिया. वैसे, नेता जी पहले ही कह चुके हैं कि (एसपी अध्यक्ष) अखिलेश यादव मुस्लिम विरोधी हैं.
सोमवार को अखिलेश ने अपने करीबी वरिष्ठ विधायक रामगोविंद चौधरी को आज़म खान और शिवपाल यादव पर तरजीह देते हुए एसपी विधायक दल का नेता मनोनीत किया था. माना जा रहा है कि आज़म खान इस कदम से खफा हैं इसीलिये मंगलवार को वह अखिलेश द्वारा बुलायी गयी विधानमंडल दल की बैठक में नहीं पहुंचे.
अहमद ने आरोप लगाया कि एसपी ने प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने की पटकथा एक साल पहले ही लिखनी शुरू की थी. जिसे साल 2016 के अंत तक मुकम्मल कर दिया गया था. आज भी उसी के अनुसार काम हो रहा है.
आरएलडी नेता ने कहा कि भविष्य में अगर अखिलेश को भी बीजेपी का ‘साथ पसंद’ आने लगे तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी.