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डीएसजीपीसी चुनाव: दिल्ली में भी दिखेगा आप बनाम अकाली का मुकाबला

चुनाव में प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल, कैप्टन अमरिंदर सिंह और अरविंद केजरीवाल प्रचार करेंगे.

Ravishankar Singh

पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद भले ही बीजेपी और कांग्रेसी नेताओं का चुनाव प्रचार उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तक ही सिमट गया हो लेकिन शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी की लड़ाई अभी भी पंजाब और दिल्ली में जारी है.

दोनों पार्टियों की लड़ाई एक बार फिर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव में देखी जा रही है. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के लिए 26 फरवरी को हो रहे चुनाव के लिए दोनों पार्टियों ने कमर कस ली है.


पंजाब चुनाव के बाद अकालियों के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी का चुनाव भी प्रतिष्ठा का विषय बन गया है. इस बार के चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (सरना गुट) और शिरोमणी अकाली दल (बादल गुट) के साथ आम आदमी पार्टी समर्थित पंथक सेवा दल के मैदान में आने से मामला त्रिकोणीय हो गया है.

अगले कुछ दिन दिल्ली बनेगी सिख राजनीति का अखाड़ा

दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (डीएसजीपीसी) के 46 सीटों के लिए 26 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. 46 सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए कुल 425 उम्मीदवार मैदान में हैं. तीन लाख 80 हजार 91 वोटर्स 425 उम्मीदवारों के किस्मत का फैसले करने वाले हैं. डीएसजीपीसी चुनाव परिणाम 1 मार्च को घोषित किए जाएंगे.

बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के चार सिख विधायकों ने विधानसभा का चुनाव जीता था, जिनमें से एक विधायक जरनैल सिंह पंजाब विधानसभा चुनाव में भी किस्मत भी आजमा रहे हैं.

यह पहली बार होगा जब दिल्ली के सिख राजनीति में भी आम आदमी पार्टी दखल देगी. आप के दिल्ली की सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की राजनीति में कूदने से इस बार का चुनाव दिलचस्प हो गया है.

वैसे तो दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के लिए 46 सीटों पर मतदान होने हैं, लेकिन दिल्ली की पांच सीटों से ही दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पॉलिटिक्स तय होती है. पंजाबी बाग वार्ड नं. 9, ग्रेटर कैलाश वार्ड नं. 38, टैगोर गार्डेन वार्ड नं. 16, फतेह नगर वार्ड नं. 20 और हरिनगर वार्ड नं. 19 से जीतने वाले उम्मीदवार ही दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की राजनीति तय करते आए हैं.

डीएसजीपीसी चुनाव में बादल गुट का प्रतिनिधित्व मंजीत सिंह जीके गुट करता है. यह गुट दिल्ली विधानसभा में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव भी लड़ता है. जबकि, परमजीत सिंह सरना गुट को कांग्रेस का करीबी माना जाता है. आम आदमी ने पंथक ग्रुप बना कर कालका जी से विधायक हरमीत सिंह को उसका प्रमुख बनाया है. पंथक ग्रुप दिल्ली की सभी 46 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.

इसके साथ ही कुछ और ग्रुप जैसे भाई रंजीत सिंह गुट, आम आदमी अकाली दल गुट और भाई बलदेव सिंह बढ़ाला ग्रुप भी मैदान में किस्मत आजमा रहा है.

शिरोमणि अकाली दल बादल गुट को बाल्टी चुनाव चिह्न मिला है. शिरोमणि अकाली दल सरना ग्रुप को कार चुनाव चिह्न मिले हैं. जबकि पहली बार किस्मत अजमा रहे पंथक सेवा दल को ट्रैक्टर चलाते किसान का निशान मिला है.

पंजाब के बड़े नेताओं का लगेगा डेरा

पिछले चुनाव में अकाली दल बादल ग्रुप को 46 सीटों में से 37 सीट मिले थे. जबकि सरना ग्रुप को 8 सीटें मिली थीं.

कमेटी के चुनाव में सत्ताधारी बादल ग्रुप के खिलाफ पंथक मुद्दों को हथियार बनाया जा रहा है. इस बार के चुनाव में एसजीपीसी को निजी हित के लिए इस्तेमाल करने का आरोप, लिफाफे से जत्थेदारों की नियुक्तियां निकालने और पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मुद्दे प्रमुख तौर पर उछाले जा रहे हैं.

पंजाब में हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में इन गुटों ने अपने-अपने समर्थित पार्टियों के लिए वोट मांगा था. अब पंजाब के सिख नेताओं का डेरा दिल्ली में लगने जा रहा है. दिल्ली के सिख बहुल क्षेत्रों में एसजीपीसी चुनाव की शोर सुनाई दे रहा है.

आने वाले कुछ दिनों में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रचार करने वाले हैं.