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अर्जुन के अवतार में तेज प्रताप ने भाई तेजस्वी के खिलाफ फूंका बिगुल

बदले हुए अवतार में लौटने वाले पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अब छोटे भाई तेजस्वी को विरासत में मिली राजनीति की बागडोर सौंपने के मूड में नहीं दिख रहे हैं

FP Staff

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव, जो हाल ही में तीर्थ यात्रा के बाद बिहार लौटे हैं, और अब एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहे हैं. बदले हुए अवतार में लौटने वाले पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अब छोटे भाई तेजस्वी को विरासत में मिली राजनीति की बागडोर सौंपने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. इस बात का प्रमाण खुद ट्विटर पर किए गए उनके ट्वीट हैं.

आरएलडी नेता ने ट्विटर पर अपने धर्मनिर्पेक्ष सेवक संघ (DSS) की एक छोटी सी क्लिप पोस्ट की, जो पिछले साल गठित किया गया एक युवा संगठन है. जिसे कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मुकाबला करने के लिए बनाया गया था. वीडियो में उन्हें महाभारत के पात्र अर्जुन की तरह रथ पर बैठा हुआ दिखाया है, और रथ की डोर कृष्ण के हाथ में है.


वीडियो ने कुछ लोगों के दिलों की धड़कन तेज कर दी हैं क्योंकि हाल ही में आरएलडी नेता ने ट्विटर पर घोषणा की थी कि वह 'हस्तिनापुर' की बागडोर 'अर्जुन' (उनके कहने का मतलब है तेजस्वी यादव) को सौंप 'द्वारका' जाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने ट्वीट किया था, 'मेरा सोचना है कि में अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊं.'

तीर्थ यात्रा से वापस लौट राजनीति में फिर हुए सक्रीय

खबरों के मुताबिक, तेज प्रताप पार्टी के आंतरिक मामलों में दरकिनार किए जा रहे थे और उन्हें आश्वासन देने के लिए 'द्वारका' जाने के संकेत दिए गए थे. वह अपने छोटे भाई, जो अपने पिता के पसंदीदा माने जाते हैं, की अनदेखी करने से जाहिर तौर पर नाखुश हैं और लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में आरजेडी के वास्तविक नेता के रूप में उभरने के लिए तैयार हैं. लालू यादव चारा घोटाला मामलों में सजा काट रहे हैं.

शादी के सिर्फ छह महीने बाद तेज प्रताप यादव की तलाक की याचिका भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई थी. जिसके बाद उन्होंने घर में दीपावली और छठ जैसे त्योहारों को छोड़ विंध्याचल, वाराणसी, वृंदावन और हरिद्वार जैसे तीर्थ शहरों में घूमने निकल पड़े थे. लेकिन कुछ सप्ताह पहले, वह अपने ट्रेडमार्क 'भस्म तिलक' के साथ बिहार लौटे और राजनीति में वापसी की घोषणा की.

उन्होंने कहा, 'मैं अपने तीर्थयात्रा के दौरान भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करके बिहार लौट आया हूं. यह राज्य लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र के रूप में उभरेगा और हमारे विरोधियों को वोट के सुदर्शन चक्र से वध कर दिया जाएगा.'

इस वीडियो को डीएसएस के जरिए पार्टी और राज्य की राजनीति में उनके पद को लेकर घोषणा का ट्रेलर माना जा रहा है. गौरतलब है कि तेज प्रताप सोमवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच आरजेडी कार्यालय में जनता दरबार लगाने के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं.