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पीएम ने देश को अनिश्चितता की ओर ढकेला

बिना तैयारी के नोटबंदी का कदम उठाया गया है. ज्यादा मार मेहनतकश लोगों पर पड़ी है.

Arun Tiwari

बिहार में उल्टा पलायन शुरू हो गया है. नोटबंदी ने देश भर के अधिकांश छोटे-मोटे कल कारखानों में ताला लगवा दिया है. एक अनुमान के मुताबिक ऐसे कल कारखानों में लगभग आठ करोड़ लोग काम करते हैं. इन सबके सामने जीवन चलाने का संकट उपस्थित हो गया है. इस क्षेत्र का संकट हमारी अर्थव्यवस्था के लिए भी संकट है.

प्रधानमंत्री जी का कहना है कि उनके इस कदम से काला धन, जाली नोट और आतंकवाद को मिलने वाली आर्थिक मदद  के खिलाफ रोक लगेगी. इस मकसद से किसी का विरोध नहीं हो सकता है. लेकिन जिस प्रकार बगैर तैयारी के यह कदम उठाया गया है, उसकी सबसे ज्यादा मार मेहनतकश लोगों पर पड़ी है. अब तक दर्जनों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. कुछ तो इसकी परेशानी बर्दास्त नहीं कर पाने की वजह से आत्महत्या तक करने को मजबूर हुए. इनमें कोई काला धन रखने वाला नहीं था.


सबसे आश्चर्य तो यह है कि सरकार ने दो हजार का नया नोट जारी कर दिया. इससे तो काला धन रखने वालों तथा भ्रष्टाचारियों को ही मदद मिलेगी. दरअसल पिछले लोकसभा चुनाव में जनता से किए गए वायदे को पूरा नहीं कर पाने की असफलता को ढंकने के लिए नोटबंदी का kदम उठाकर मोदी जी ने देश को अनिश्चितता की ओर ढकेल दिया है.

(वरिष्ठ राजनेता शिवानंद तिवारी की फेसबुक वॉल से)

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